-. *दुर्ग जिले में बड़े पैमाने पर स्व-प्रेरण से सोक पिट निर्माण, जल संरक्षण अभियान तेज*
-. वर्षा जल संचयन को बढ़ावा दुर्ग में 8 दिसंबर से जन आंदोलन की शुरुआत
-. दुर्ग जिला जल संरक्षण में अग्रणी सोक पिट निर्माण ने बढ़ाया भू जल स्तर
“मोर गांव-मोर पानी” अभियान से दुर्ग जिले में जल संरक्षण कार्यों को मिला व्यापक विस्तार
दुर्ग।/ कलेक्टर अभिजीत सिंह के मार्गदर्शन में “मोर गांव-मोर पानी” अभियान के तहत जिले में जल संरक्षण को जन-आंदोलन का रूप देने के लिए 8 दिसंबर 2025 को बड़े पैमाने पर गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। अभियान के अंतर्गत वर्षा जल संचयन और भू-जल पुनर्भरण को बढ़ावा देने के लिए जिले में रिकॉर्ड स्तर पर सोक पिट निर्माण किया जा रहा है।
*सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 4312 आवासों में सोक पिट बनाए जा रहे हैं। इनमें जनपद धमधा 2115, जनपद दुर्ग, 942,जनपद पाटन 1255 सोक पिट निर्माण कार्य प्रगति पर है।*
*इसके अलावा ग्रामीण स्कूल परिसरों में 1105 तथा स्व-सहायता समूहों अपने घरों में व कार्यालय एवं परिसरों में 7000 सोक पिट का निर्माण किया जा रहा है। ये संरचनाएँ वर्षा जल को धरातल में समाहित कर भू-जल स्तर बढ़ाने में कारगर सिद्ध हो रही हैं।*
अभियान के तहत वर्षा जल संचयन तकनीकों के उपयोग से जल संरक्षण दिशा में कदम है। ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान, मनरेगा एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के समन्वित प्रयासों से जल संरक्षण को नई दिशा मिल रही है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत दुर्ग बजरंग कुमार दुबे ने बताया कि जिले की सभी जनपद पंचायतों में सोक पिट निर्माण तेजी के साथ किया जा रहा है, जिससे वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण में उल्लेखनीय सुधार होगा। उन्होंने कहा कि यह अभियान जिले में जल सुरक्षा एवं संसाधन प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
इन योजनाओं और तकनीकों का कार्यान्वयन न केवल स्थानीय जल उपलब्धता में सुधार करता है, बल्कि शुष्क अवधि के दौरान पानी की कमी को कम करता है, कृषि के लिए मिट्टी की नमी बढ़ाता है, और पारिस्थितिक संतुलन बहाल करने में मदद करता है। यह सुनिश्चित करता है कि स्वच्छ जल भविष्य में भी उपलब्ध रहे, जिससे दीर्घकालिक स्थिरता बनी रहे
भू-जल पुनर्भरण को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान, मनरेगा एवं प्रधानंमंत्री आवास योजनाओं और तकनीकों अमलों का उपयोग किया रहा है। इनमें वर्षा जल संचयन प्रणालियों की स्थापना और समुदाय-आधारित पहल शामिल हैं।
यह अभियान जिल दुर्ग की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक जल स्रोतों का पुनर्जीवन, वर्षा जल संचयन, भूजल स्तर में वृद्धि तथा जल संरक्षण के लिए सामुदायिक सहभागिता को मजबूत करना है।
अभियान के प्रमुख उद्देश्य वर्षा जल संरक्षण को ग्रामीण स्तर पर सामूहिक जिम्मेदारी बनाना तकनीकों से भूजल रिचार्ज बढ़ाना जल संकट की संभावनाओं को कम कर भविष्य के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करना है।



