नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘मियां-तियान’ या ‘पाकिस्तानी’ कहना गलत हो सकता है, लेकिन धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना कोई अपराध नहीं है। जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने एक सरकारी कर्मचारी को ‘पाकिस्तानी’ कहने के आरोपी व्यक्ति के खिलाफ केस बंद करते हुए यह अहम फैसला सुनाया।
उर्दू अनुवादक ने दर्ज कराया था मामला
झारखंड के एक उर्दू अनुवादक और एक कार्यकारी क्लर्क ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता के मुताबिक, जब वह सूचना के अधिकार (आरटीआई) आवेदन के बारे में जानकारी देने के लिए आरोपी से मिलने गया, तो उसके धर्म का हवाला देकर उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया और सरकारी काम करने से रोका गया।