बलौदा बाजार कलेक्टर और एसपी दफ्तर में आग लगाने की घटना में बड़े षड्यंत्र की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन की जांच अब इस दिशा में जा रही है कि प्रदर्शनकारियों को सुनियोजित तरीके से वहां जुटाया गया और उनके बीच में बाहरी तत्वों को घुसाकर तोड़फोड़ कराई गई। इस मामले में 5 अलग-अलग बिंदुओं पर जांच कराई जा रही है। इसमें सबसे अहम बात ये आ रही है कि साम्प्रदायिक तत्वों को प्रदर्शन में शामिल कराकर उनसे हिंसा कराई गई है।
घटना के दूसरे दिन सरकार ने वहां नए कलेक्टर और एसपी की पदस्थापना कर दी। फिर जांच की दिशा तय की गई है। जांच के दायरे में उन बातों को रखा गया है, जिनमें षड्यंत्र को प्रमुख बिंदु के तौर पर देखा जा रहा है। इसमें पहली बात है कि पूरी घटना कहीं राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा तो नहीं है।