Home Uncategorized कोरोना संक्रमित मरीजों के बेहतर ईलाज के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार...

कोरोना संक्रमित मरीजों के बेहतर ईलाज के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार इजाफा

228
0

रायपुर 6 मई, 2021

राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं कोरोना मरीजों की बेहतर उपचार के लिए लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार किया जा रहा है। इसी के तहत जांजगीर-चांपा जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों के बेहतर ईलाज के लिए डीएमएफ मद से 30 वेंटिलेटर एवं 160 आॅक्सीजन कंसन्ट्रेटर क्रय का ओदश जारी किया गया है। एक सप्ताह में इनकी आपूर्ति होने के बाद मरीजों को इसका लाभ मिलना प्रारम्भ हो जाएगा। 
जिला प्रशासन जांजगीर-चांपा की पहल पर 160 आॅक्सीजन कंसन्ट्रेटर में से 40 कंसन्ट्रेटर की आपूर्ति हो चुकी है। 40 में 35 कंसन्ट्रेटर दिव्यांग कोविड केयर सेंटर और 5 पुलिस लाईन स्थित कोविड केयर सेंटर में लगाया जा चुका है। इसका लाभ यहां भर्ती मरीजों को मिल रहा है। जहां दिसंबर 2018 में नार्मल बेड 296, 02 बेड-07, एचडीयू, आईसीयू वेंटिलेटर की संख्या 0 थी। वही दिसंबर 2020 में नार्मल बेडों की संख्या- 296, 02 बेड- 107, एचडीयु -18, आईसी यू- 09 और वेंटिलेटर की संख्या –  02 हो गई। 05 मई 2021 की स्थिति में नार्मल बेडों की संख्या -296 से बढ़कर- 1253 हो गई है। वही 02 बेड की संख्या 107 से बढ़कर 224, एचडीयू 18, आईसीयू -10, वेंटिलेटर की संख्या 2 से बढ़कर -10 हो गई है। कोविड 19, मरीजों के बेहतर ईलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने जिला प्रशासन द्वारा डीएमएफ मद से 02 बेड – 160, आईसीयू 30 और 30 वेंटिलेटर की आपूर्ति का आदेश जारी किया गया है। इस प्रकार जिला प्रशासन द्वारा जिले के कोविड मरीजों के बेहतर उपचार की हर संभव कोशिश जारी है। 6 माह में बेडों की संख्या में साढ़े तीन गुणा का इजाफा -जिले में कोविड के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जांजगीर जिला प्रशासन द्वारा संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए कोविड अस्पताल, केयर सेंटर्स में बेडों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। दिसंबर 2020  से 5 मई 2021 तक  मात्र 6 माह में  नार्मल बेड, 02 बेड, एचडीयू, आईसीयू, वेंटिलेटर आदि की संख्या में करीब साढ़े तीन गुने का इजाफा हुआ है। दिसंबर 2018 में उक्त बेडों की संख्या- 303 थी जो 5 मई 2021की स्थिति में पांच गुना  बढ़कर -1515 हो गई है। इससे मरीजों का बेहतर ईलाज संभव हो पा रहा है।