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छत्तीसगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा ₹35,000 करोड़ का अनुपूरक बजट: विकास, अनुशासन और भविष्य की मजबूत नींव – वित्त मंत्री  ओ पी चौधरी

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रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा ₹35,000 करोड़ का अनुपूरक बजट प्रस्तुत कर विकास, वित्तीय अनुशासन और दूरदर्शी शासन की स्पष्ट प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है।

वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि यह अनुपूरक बजट केवल संसाधनों की व्यवस्था नहीं, बल्कि निरंतर आर्थिक प्रगति और संतुलित विकास की मजबूत दिशा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार द्वारा विभिन्न बोर्डों और निगमों पर छोड़े गए ₹45,000 करोड़ से अधिक के लंबित ऋण ने इन संस्थानों को लगभग निष्क्रिय स्थिति में पहुँचा दिया था। इस अनुपूरक बजट के माध्यम से सरकार ने मार्कफेड और नान (NAAN) जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों को संबल प्रदान करने का गंभीर प्रयास किया है, जो राज्य में धान खरीदी और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की रीढ़ हैं। इन संस्थाओं को सुदृढ़ किए बिना किसानों का कल्याण और नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार ने औद्योगिक विकास को भी समान प्राथमिकता दी है। राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को गति देने तथा विभिन्न औद्योगिक विकास एवं प्रोत्साहन योजनाओं को निरंतरता प्रदान करने के लिए अनुपूरक बजट में ₹360 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिससे निवेश, रोजगार और उत्पादन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य के समग्र और संतुलित विकास के लिए केवल राजस्व व्यय पर्याप्त नहीं होता, बल्कि दूरदर्शी पूंजीगत व्यय ही भविष्य की समृद्ध अर्थव्यवस्था और मजबूत अधोसंरचना का आधार बनता है। सड़क, पुल, सिंचाई, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में किया गया निवेश आने वाले दशकों तक विकास के स्थायी स्रोत तैयार करता है। इसी सोच के साथ सरकार ने पूंजीगत व्यय को अपनी विकास रणनीति का केंद्र बनाया है।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद बीते 25 वर्षों में पूंजीगत व्यय में लगभग 55 गुना की ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज हुई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में जहाँ पूंजीगत व्यय ₹13,320 करोड़ था, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर ₹15,419 करोड़ और 2024-25 में ₹20,055 करोड़ तक पहुँचा। मुख्य बजट 2025-26 में पूंजीगत व्यय के लिए ₹26,341 करोड़ का प्रावधान किया गया है, साथ ही अनुपूरक बजट में अतिरिक्त ₹2,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि बजट के कुल आकार के अनुपात में भी पूंजीगत व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जहाँ पूर्व सरकार के समय यह लगभग 3.5 प्रतिशत था, वहीं वर्ष 2025-26 में इसके 4.1 प्रतिशत तक पहुँचने की संभावना है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि सरकार दीर्घकालिक विकास और मजबूत अधोसंरचना निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।

अपने वक्तव्य के समापन में वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि यह सरकार वादों पर नहीं, बल्कि परिणामों पर विश्वास करती है। पूंजीगत व्यय के माध्यम से संकल्पों को कागज से जमीन तक उतारने का कार्य किया जा रहा है। सरकार का स्पष्ट लक्ष्य छत्तीसगढ़ को आर्थिक रूप से सशक्त, अधोसंरचना के दृष्टिकोण से मजबूत और देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में स्थापित करना है।

अनुपूरक बजट में सड़क एवं भवन निर्माण क्षेत्र को भी विशेष प्राथमिकता दी गई है। अधोसंरचना से जुड़े निर्माण कार्यों को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के उद्देश्य से अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान किए गए हैं। इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी सुदृढ़ करने के लिए ग्रामीण सड़क कार्यक्रम (आरआरपी फेज-2) हेतु ₹175 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वहीं राज्य में प्रमुख सड़कों के उन्नयन एवं विस्तार के लिए छत्तीसगढ़ राज्य सड़क क्षेत्र परियोजना (एडीबी लोन-3) के अंतर्गत ₹150 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही चिरमिरी-नागपुर हॉल्ट रेल लाइन परियोजना के लिए ₹86 करोड़ की राशि का प्रावधान कर क्षेत्रीय परिवहन नेटवर्क को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में ठोस कदम उठाया गया है।