उदित नारायण का किसान के बेटे से सुरों के बादशाह बनने तक का सफर प्रेरणादायक है। पिता चाहते थे कि वे डॉक्टर या इंजीनियर बनें, जबकि मां ने संगीत में करियर बनाने में उनको पूरा सपोर्ट किया। बिहार से काठमांडू और मुंबई तक की उनकी मेहनत और संघर्ष भरी राह ने उन्हें बॉलीवुड के सफल गायक के रूप में स्थापित किया।
खासकर फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ ने उनकी किस्मत बदल दी। उदित नारायण ने कुमार सानू के साथ पांच साल तक कड़ी प्रतिस्पर्धा भी निभाई। साथ ही, उनका नाम विवादों से भी रहा, जिसमें पहली पत्नी के साथ कानूनी झगड़े और किसिंग विवाद शामिल हैं।



