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सरकारी चावल घोटाला: APL को BPL में बदलकर किया फर्जीवाड़ा

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बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सरकारी चावल हड़पने का मामला सामने आया है. खाद्य विभाग में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा होने की बात सामने आई है. इस धांधली में एपीएल (गरीबी रेखा से ऊपर) राशन कार्डों को बदलकर बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) कर दिया गया है. इस घोटाले में खाद्य नियंत्रक (राशन कार्ड घोटाला) और अन्य अधिकारियों के शामिल होने का संदेह है. हालांकि, इस मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. इस मामले को लेकर बेलतरा से भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने विधानसभा में मुद्दा उठाया है. उन्होंने अधिकारियों द्वारा दी गई अस्पष्ट जानकारी और खाद्य मंत्री दयालदास बघेल के जवाब पर आपत्ति जताई है. विधायक ने मांग की है कि संबंधित विभाग के दोषी अधिकारियों की बजाय किसी अन्य अधिकारी से जांच कराई जाए. इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने जांच दूसरे अधिकारी से कराने के निर्देश दिए हैं।

बिलासपुर में कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

नगर निगम क्षेत्र की कई उचित मूल्य की दुकानों में चावल के आवंटन में अनियमितता पाई गई थी. जांच में पता चला कि बड़ी संख्या में एपीएल राशन कार्ड को बीपीएल में बदल दिया गया। हैरानी की बात यह है कि जिन लोगों के नाम पर ये कार्ड बने थे, उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं थी। खाद्य विभाग के जानकारों के मुताबिक एपीएल कार्ड को बीपीएल में बदलने के लिए खाद्य नियंत्रक की आईडी और लॉगिन की जरूरत होती है। यह फर्जीवाड़ा साल 2022 में किया गया। इसके बाद जब मामला सामने आया तो विभाग ने रातों-रात 1355 राशन कार्ड निरस्त कर दिए, ताकि गड़बड़ी को छिपाया जा सके।

कैसे हुआ घोटाला?

फर्जी राशन कार्ड पर अपने लोगों के आधार कार्ड जोड़कर नामिनी बनाई गई। फिर बायोमेट्रिक मशीन में अंगूठा लगाकर राशन निकाला गया। इस चावल को राइस मिलर्स को बेचा गया, जिन्होंने इसे नागरिक आपूर्ति निगम में जमा किया और फिर सरकारी राशन दुकानों तक पहुंचाया। इस तरह करोड़ों रुपए की ठगी की गई।