प्राथमिक शिक्षक भर्ती में नौकरी चाहने वालों के नामों की सिफारिश राज्य के विपक्ष नेता शुभेंदु अधिकारी के भाई और पूर्व सांसद दिव्येंदु अधिकारी, भाजपा नेता और पूर्व पुलिस अधिकारी भारती घोष ने पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी से की थी. सूत्रों के मुताबिक, शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले की जांच में सीबीआई को नामों की एक ऐसी ही सूची मिली है. इस सूची में तृणमूल विधायक शौकत मोल्ला और पूर्व तृणमूल सांसद ममताबाला ठाकुर का नाम भी शामिल है. सीबीआई का मानना है कि इनमें से सभी ने नौकरी चाहने वालों के नामों की सिफारिश की थी.
उनमें से किसी से भी सीबीआई ने पूछताछ नहीं की है. केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की ओर से 2014 की प्राथमिक परीक्षा में भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर 2022 से जांच कर रही है. जिस साल परीक्षाएं इतनी विवादास्पद थीं, उस दौरान न तो दिव्येंदु और न ही भारती भाजपा में थे. बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए.
भारती घोष ने कहां से लड़ा था चुनाव?
भारती घोष ने भाजपा के टिकट पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ा. पिछले साल जून में सीबीआई ने विकास भवन (स्कूल शिक्षा विभाग के कार्यालयों में से एक) के गोदाम पर छापा मारा था. वहां तलाशी के बाद दस्तावेज बरामद किए गए थे. सीबीआई सूत्रों के अनुसार, शुभेंदु अधिकारी के भाई दिव्येंदु अधिकारी और भारती घोष की ओर से अनुशंसित उम्मीदवारों के नाम दस्तावेज में लिस्टेड हैं. यह सूची राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को भेजी गई थी. पार्थ चटर्जी इस शिक्षक घोटाले में फिलहाल जेल में हैं. कुल 324 उम्मीदवारों की सिफारिश की गई थी, जिनमें से 134 उम्मीदवारों को प्राथमिक शिक्षक के रूप में नौकरी मिल गई.
क्या बोले शुभेंदु अधिकारी?
शुभेंदु अधिकारी ने भाई का नाम सामने आने कहा कि जिन लोगों की सिफारिश पर अवैध नियुक्तियां की गईं. उनमें भारतीय जनता पार्टी का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं था. आप जिनका नाम बता रहे हैं, वे उस समय राज्य के सत्ताधारी दल के सांसद या विधायक हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि वे उस समय भाजपा पार्टी से जुड़े नहीं थे. अगर कोई अवैध नियुक्ति हुई थी तो उनसे पूछताछ होनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया.