Home Uncategorized सेवानिवृत्त शिक्षक को कबाड़ जनरेटर का चुकाना पड़ा एक लाख रुपए Uncategorized सेवानिवृत्त शिक्षक को कबाड़ जनरेटर का चुकाना पड़ा एक लाख रुपए By NEWSDESK - October 22, 2020 242 0 FacebookTwitterPinterestWhatsApp जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो क्या हो। इसका जीता जागता उदाहरण विश्रामपुरी थाना अंतर्गत देखने को मिला सेवानिवृत्त शिक्षक लच्छू राम नाग के यहां अचानक दिनांक 2:10 2020 को विश्रामपुरी थाना से कुछ पुलिस वाले शाम7:00 बजे के आसपास उनके घर पहुंच गए वह उनसे कहने लगे कि आप लोग जनरेटर चलाते हैं क्या। इनका कहना था कि कभी कभार जनरेटर चलाते हैं तो किराए का जनरेटर लाकर चलाते हैं। हमारे पास जनरेटर नहीं है तो पुलिस वाले इनके घर के अंदर छानबीन करने घुस गए वहां एक पुराना जनरेटर पड़ा हुआ मिला। जिसे देखकर पुलिस वाले आग बबूला हो उठे और सेना सेवानिवृत्त शिक्षक से गली गलौज व मारपीट तक करने लगे वह उन्हें डरा धमका कर घर से बाहर मैदान ले गए और f.i.r. कर जेल भेजने की बात करने लगे तब शिक्षक ने बताया कि यह जनरेटर धनोरा क्षेत्र का है जहां कुछ निर्माण चल रहा था वह खराब हो गया तो इसे वही छोड़कर ठेकेदार जा चुका था वह 3 साल से वहीं पड़ा हुआ था जिसे मैंने वहां के सरपंच से वहां के लोगों से पंचनामा बनवा कर उसे मैं लेकर आया हूं । इस पर भी पुलिस वाले शांत नहीं हुए उनके खिलाफ f.i.r. बनाने की बात कहने लगे। फिर पुलिस उनसे ₹100000 की मांग करने लगे 100000 नहीं देने पर f.i.r. कर जेल में डालने की बात कहने लगे 1 घंटे में ₹100000 देने की बात पुलिस वालों ने कही तब सेवानिवृत्त शिक्षक ने अपने पुत्र से फोन पर बात करने को कहा तो पुलिस वालों ने इनका फोन तक छीन लिया। कुछ देर बाद भूतपूर्व सरपंच व सेवानिवृत्त शिक्षक के पुत्र ने ₹80000 थाने में लाकर थाना प्रभारी को दिये इस पर वह और भी चिल्लाने लगे कि पूरा पैसा चाहिए तब आधे घंटे में उनके पुत्र ने ₹20000 और लाकर दे दिए। पुलिस वालों ने इस बाबत किसी से कुछ नहीं कहने को कहा। इतने दिन शांत रहने के बाद यह लोग आज जिला मुख्यालय कोंडागांव पहुंच एसपी के समक्ष ज्ञापन सौंपा व 48 घंटे के अंदर ₹100000 के हर्जाना सहित पीड़ित व्यक्ति को समाज के समक्ष वापस कर दोषियों के विरुद्ध तत्काल बर्खास्तगी की कार्यवाही कर आदिवासी प्रताड़ना अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत कार्यवाही करने को कही।