‘विधेयक में संशोधन के नाम पर टारगेट किया जा रहा है। जब हम दूसरे समुदाय की किसी समिति में सदस्य नहीं हैं, तो वे हमारी समिति में क्यों शामिल किए जाएं? जिस तरह से वक्फ बोर्ड चल रहा है, उसी तरह से चलने देना चाहिए। बोर्ड की ताकत को बढ़ाने की जरूरत है, ताकि अपनी संपत्ति की वो रक्षा कर सके।’
ये कहना है छत्तीसगढ़ के मुस्लिम समुदाय के लोगों का। दरअसल, केंद्र सरकार ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया। इसके बाद देश की सबसे बड़ी और ताकतवर मुस्लिम संस्था वक्फ बोर्ड चर्चा में है। प्रदेश में मुस्लिम इस बिल का विरोध कर रहे हैं।
बोर्ड का दावा है कि छत्तीसगढ़ में 5 हजार करोड़ की संपत्ति उनके पास है। उनका दावा है कि रायपुर के पंडरी बस स्टैंड के सामने जमीन उनकी है। हालांकि ज्यादातर जमीनों पर कब्जा है। इसके चलते उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है।