आमानाका इलाके में नरेश चंद्राकर की हत्या के मामले में तीन नाबालिगों को पुलिस ने 14 दिनों बाद पकड़ लिया है। आरोपी नरेश को जबरदस्ती खाली प्लाट में ले गए। जहां उसकी जमकर पिटाई की। उस पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला किया। शव को फेंककर चले गए। तीन दिन बाद पुलिस को शव मिला। शव फूल गया था।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों को पकड़ लिया है। एक आरोपी चोरी के मामले में पहले भी जेल जा चुका है। पुलिस ने बताया कि संतोषी नगर निवासी 25 वर्षीय नरेश चंद्राकर ई-रिक्शा चलाता था। वह अपनी मां का इकलौता बेटा था। उसके पिता की कुछ साल पहले ही मौत हुई है। वह 15 जुलाई की रात 10 बजे अपने दोस्त के साथ भाठागांव से कुकुरबेड़ा आया जहां अवैध शराब बिकती है।
वह रिक्शे से उतरकर शराब लेने गया जहां उसे शराब देने से मना कर दिया गया। इससे नाराज होकर नरेश ने गाली गलौज की। शराब तस्कर के तीन दोस्त आ गए जो 16-17 साल के हैं। तीनों नरेश से उलझ गए। उसे जबरदस्ती ई-रिक्शा में बिठाकर सुनसान इलाके में ले गए। जहां उसकी जमकर पिटाई की। उसके बाद चाकू से हमला कर दिया। नरेश की मौके पर मौत हो गई। आरोपियों ने शव को उठाकर दूर फेंक दिया ताकि किसी को दिखाई न दे।