नई दिल्ली। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के एक बयान पर भारी बवाल मच गया है। इस दौरान सदन में भारी हंगामा हुआ। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी टोकना पड़ा। यह नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी का पहला भाषण था। अपने संबोधन की शुरुआत में राहुल गांधी ने भगवान शिव की तस्वीर दिखाई। स्पीकर ओम बिरला ने नियमों के तहत इस पर आपत्ति ली। हालांकि, बाद में अनुमति दे दी। राहुल गांधी ने शिवजी के गले में लिपटे सांपों, डमरू और हाथ की मुद्रा की व्याख्या करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधने की कोशिश की। राहुल गांधी ने इस्लाम, सिख, जैन, ईसाई और बौद्ध धर्म के संबंध में भी अभयमुद्रा (हाथ के निशान) की व्यख्या की। आगे बोले – सभी धर्मों में शांति और अहिंसा का संदेश किया गया, लेकिन खुद को हिंदू कहने वाले 24 घंटे नफरत करते हैं। राहुल गांधी के इस बयान पर सत्ता पक्ष भड़क गया। यहां तक कि सदन में बैठे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बोलना पड़ा। पीएम मोदी ने कहा कि यह गंभीर मामला है। वहीं केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने भी राहुल गांधी के बयान को हिंदू समाज का अपमान बताया और कहा कि उन्हें देश से माफी मांगना चाहिए।
राहुल गांधी ने फिर लगाया माइक बंद होने करने का आरोप
भारी हंगामे के बीच स्पीकर ने राहुल गांधी को समझाया और बोलते समय सावधानी बरतने की सलाह दी। राहुल गांधी ने आगे कहा, अयोध्या की जनता ने भाजपा को सबक सिखाया। इसके बाद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि उनका माइक बंद किया जा रहा है। इस पर स्पीकर ने फिर टोका। राहुल गांधी ने आगे कहा कि पीएम मोदी अयोध्या से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन सर्वे करने वालों ने इनकार कर दिया। यही कारण है कि मोदी जी वाराणसी गए और बचकर निकले।
अग्निवीर पर राहुल ने मांगा शहीद का दर्जा , राजनाथ की आपत्ति
अग्निवीर के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि सरकार शहीद का दर्जा नहीं देती। मुआवजा भी नहीं दिया जाता। इस पर सदन में बैठे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आपत्ति ली और बताया कि हर शहीद को एक करोड़ रुपए की आर्थिक मदद दी जा रही है। राजनाथ सिंह ने आपत्ति जताई कि नेता प्रतिपक्ष अग्निवेश के मुद्दे पर सदन और देश को गुमराह कर रहे हैं। अमित शाह ने भी राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति ली और झूठ को सदन की कार्यवाही से हटाने की मांग की।