प्रदेश में जल्द ही जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल खुलेगा। इसमें जीएसटी और सीजीएसटी के मामलों की सुनवाई होगी। 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक सैकड़ों केस लंबित हैं। अब इनका निपटारा बिना हाईकोर्ट जाए ही हो जाएगा। इससे लाखों कर दाताओं को करों से संबंधित समस्याएं निपटाने में मदद मिलेगी।
उनका समय, श्रम और पैसा तो बचेगा ही साथ ही परेशानियों से शीघ्र छुटकारा मिलेगा। ट्रिब्यूनल में का चेयरमेन एक ही जज होगा जो देशभर की सुनवाई करेगा। जबकि छत्तीसगढ़ में इसके दो मेंबर होंगे। इनमें से एक टेक्नीकल मेंबर आईआरएस अफसर, चार्टर्ड एकाउंटेंट या लॉयर होगा। दूसरा मेंबर हाईकोर्ट का सेवानिवृत्त जज होगा।
जीएसटी और सीजीएसटी अफसरों द्वारा की गई सुनवाई से असंतुष्ट करदाता विभाग के विरूद्ध अपील कर सकेंगे। इसके अलावा यदि विभाग के अधिकारी भी चाहेंगे तो वे भी यहां कर दाता के विरूद्ध ट्रिब्यूनल में अपील कर सकेंगे। ट्रिब्यूनल को विशेषज्ञ टैक्स सिस्टम की भरोसेमंद फैक्ट फाइंडिंग अथारिटी मान रहे हैं।
खास बात यह है कि ट्रिब्यूनल केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन नहीं बल्कि केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय के अंतर्गत काम करेगा। केंद्र सरकार सभी राज्यों की राजधानी में ट्रिब्यूनल खोलने की योजना बना रही है।
अब तक यह होता था कि जीएसटी या सीजीएसटी कार्यालय में ज्वाइंट कमिश्नर असिस्टेंट कमिश्नर स्तर पर कर से संबंधित मामलों के निराकरण से असंतुष्ट होने पर हाईकोर्ट में अपील करनी पड़ती थी। इसमें प्रकरण के निराकरण में लंबा वक्त लगता था। इसकी वजह यह कि हाईकोर्ट के पास पहले ही हजारों केस लंबित हैं।