तस्वीर आरंग के हरदीडीह की है। बारिश शुरू होते ही जून के दूसरे हफ्ते से रेत घाट बंद हो जाएंगे। इसलिए जिले के आसपास के सभी रेत घाटों में अवैध रेत खनन तेज हो गया है। इसके लिए माफिया ने जेसीबी और डंपर उतार दिए हैं। मशीनें दिन-रात अंधाधुंध रेत निकाल रही हैं। एक-एक रेत घाट पर 5 से 7 मशीनें लगाकर खुदाई की जा रही है। इस रेत को आसपास ही डंप किया जा रहा है। रायपुर से लगे आरंग के कुछ रेत घाटों में रेत माफिया सरकारी जमीनों पर लाखों वर्गमीटर रेत अभी से स्टोर कर ली है। आरंग में रेत खदानों पर खनिज विभाग का नियंत्रण नहीं रहा।
पर्यावरण विभाग से एनओसी नहीं मिलने के बाद भी खदानों में रेत का अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण हो रहा है। आरंग क्षेत्र के उप तहसील समोदा में रेत माफिया रेत बेखौफ होकर रेत का अवैध कारोबार कर रहे हैं। आरंग में ही रेत की 12 खदानें हैं। इनमें से सिर्फ 6 खदानों को ही पर्यावरण की एनओसी मिली है। बताया जा रहा है कि पूर्व कांग्रेस मंत्री के संरक्षण में इलाके के रसूखदार नेता करीब तीन एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध रूप से रेत डंप कर हरे हैं।