रायपुर : छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में सौर संयंत्रों की स्थापना के लिए क्रेडा द्वारा पूर्व निर्धारित प्रक्रिया अनुसार स्थापनाकर्ता इकाईयों का पंजीयन किया जाता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 22 जनवरी को घोषित प्रधानमंत्री सूर्याेदय योजना के क्रियान्वयन हेतु अधिक संख्या में स्थापनाकर्ता इकाईयों की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए पूर्व वर्षों में पंजीकरण हेतु निर्धारित धरोहर राशि को क्रेडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राजेश सिंह राणा द्वारा पहल की जाकर कम करने का निर्णय लिया गया है। जिससे अधिक से अधिक स्थापनाकर्ता इकाई क्रेडा में पंजीकृत हो सके तथा मार्केट-मोड एवं अन्य योजना अंतर्गत अधिक से अधिक सौर संयंत्रों की स्थापना कर प्रदेश-वासियों को लाभान्वित किया जा सके।
धरोहर राशि की पूर्व में प्रचलित तथा वर्तमान में संशोधत दरें इस प्रकार हैं – सिस्टम इंटीग्रेटर श्रेणी में पूर्व में प्रचलित धरोहर राशि (ई.एम.डी. राशि) 5 लाख रूपए थी, जिसे घटाकर साढ़े तीन लाख रूपए किया गया है। इस श्रेणी में छत्तीसगढ़ के इंजीनियरों के लिए धरोहर राशि घटाकर ढ़ाई लाख रूपए कर दी गई है।
इसी तरह वेंडर श्रेणी में छोटे उत्पाद (ल्यूमिनरी, पाईप) एवं पी-डी-एन. मटेरियल आदि के लिए धरोहर राशि पूर्व मंे 5 लाख रूपए थी, जिसे संशोधित कर 4 लाख रूपए कर दिया गया है।
मुख्य उत्पाद (पम्प, मॉड्यूल, बैटरी, इनवर्टर, टैंक, स्ट्रक्चर आदि) के लिए पूर्व में धरोहर राशि 10 लाख रूपए थी, जिसे घटाकर 8 लाख रूपए किया गया है। जबकि कांट्रेक्टर तथा सोलर थर्मल श्रेणी में पूर्व प्रचलित धरोहर राशि 01 लाख रूपए को यथावत रखा गया है।।
क्रेडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राजेश सिंह राणा ने बताया कि ई-एम.डी- की राशि धरोहर राशि कम होने से प्रदेश के छोटे व्यवसायी जो सोलर के क्षेत्र में कार्य करने के इच्छुक हैं वे क्रेडा में पंजीयन कर सोलर से संबंधित समस्त प्रकार के कार्य कर सकेंगे। जिससे प्रदेश में बेरोजगारी कम होने के साथ-साथ छोटे व्यवसायियों के जीवन स्तर में सुधार होगा। इसके अतिरिक्त प्रदेश के बेरोजगार इंजीनियरों को सोलर के क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करने का बेहतर अवसर प्राप्त होगा। अधिक से अधिक इंजीनियरों के इस क्षेत्र से जुड़ने से कार्य बेहतर ढंग से पूर्ण हो सकेगा एवं शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार का अवसर प्राप्त होगा।