Home राजनीति ममता ने बंगाल में कांग्रेस और वामदलों को दिखा दी जगह

ममता ने बंगाल में कांग्रेस और वामदलों को दिखा दी जगह

8
0

कोलकाता । विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ब्लॉक के भीतर सीट बंटवारे को लेकर आंतरिक कलह खत्म बनी हुई है। इस बीच, टीएमसी प्रमुख और राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने फिर साफ कर दिया है कि वे पश्चिम बंगाल में अपने गढ़ को ना कमजोर होने देना चाहती हैं और ना किसी दूसरे दल को अपना वोट बैंक देने के मूड में हैं। इसकारण ममता इंडिया के सहयोगी कांग्रेस और वाम मोर्चे को नसीहत देते नजर आईं। इसके साथ ही दोनों दलों को आइना भी दिखाया है।
ममता ने कांग्रेस के सामने सीट शेयरिंग का नया फॉर्मूला दिया है। ममता ने बीजेपी को मात देने के लिए खास इलाकों में स्थानीय पार्टियों को कमान देने की वकालत की है। ममता ने सुझाव भी दिया कि कांग्रेस चाहे तब अपने दम पर 300 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ सकती है। हालांकि, राजनीतिक तौर पर देखा जाए ममता का प्रस्ताव और शर्त इतनी आसान नहीं है।
दरअसल, बंगाल में सीट शेयरिंग पर पेंच फंसा हुआ है। आगामी आम चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने सत्तारूढ़ टीएमसी अलायंस को लीड करना चाहती है और सीट शेयरिंग में कांग्रेस, वाम मोर्चे को हद दिखाने से नहीं चूक रही है। सीपीएम के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा, कांग्रेस और टीएमसी 28 पार्टियों वाले विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक का हिस्सा हैं। हालांकि, बंगाल में सीपीएम और कांग्रेस के नेता लगातार टीएमसी के खिलाफ हमलावर दिख रहे हैं।
टीएमसी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन के आधार पर दो सीटों का ऑफर दिया है। कांग्रेस को यह प्रस्ताव नागवार गुजरा और दोनों पार्टियों के बीच तनाव बढ़ गया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने सीधे टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को निशाने पर लेकर कहा था कि वो टीएमसी से सीटों की भीख नहीं मांगने वाले है।
इधर, ममता की टिप्पणियों पर कांग्रेस और सीपीआई (एम) दोनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी ने कहा, हम टीएमसी नेतृत्व की सोच और इच्छा पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। उन्हें जो अच्छा लगता है,वहां करने दें। सीपीआई (एम) के सेंट्रल कमेटी के मेंबर सुजन चक्रवर्ती ने इस आरोप को निराधार बताया कि उनकी पार्टी इंडिया ब्लॉक की बैठकों के एजेंडे को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। पश्चिम बंगाल में सीपीआई (एम) के सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा, यह लड़ाई सांप्रदायिक और कम्युनिस्टों के बीच है।