Home देश लाल सागर में ड्रोन हमलों के बीच नौसेना प्रमुख का बड़ा बयान

लाल सागर में ड्रोन हमलों के बीच नौसेना प्रमुख का बड़ा बयान

19
0

नई दिल्ली । नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि नौसेना का काम भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा सुनिश्चित करना है। उनका यह बयान लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हालिया संदिग्ध ड्रोन हमलों और भारतीय तटरेखा पर पाकिस्तानी जहाजों की तैनाती के मद्देनजर आया है। एडमिरल कुमार ने कहा, नौसेना का काम यह सुनिश्चित करना है कि हम भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करें, उन्हें बढ़ावा दें और आगे बढ़ें। उन्होंने कहा, हम किसी भी तरह की समुद्री डकैती नहीं होने देंगे।

2008 से चला रहे समुद्री डकैती विरोधी अभियान
पत्रकारों से बात करते हुए नौसेना प्रमुख ने कहा कि पिछले साल के अंत तक भारतीय जलक्षेत्र में समुद्री डकैती की घटनाएं लगभग खत्म हो गई थीं। उन्होंने कहा, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे राष्ट्रीय हित सुरक्षित हों। हम साल 2008 से हिंद महासागर में अभियान चला रहे हैं। इनमें समुद्री डकैती विरोधी अभियान भी शामिल हैं। 2008 से हमने समुद्री डकैती से निपटने के लिए 106 जहाजों को तैनात किया है।

अन्य साझेदारों के साथ मिलकर कर रहे काम
उन्होंने आगे कहा, समुद्री डकैती की घटनाएं पिछले साल के अंत तक लगभग शून्य हो गईं थीं। हालांकि, बाद में इनमें वृद्धि देखी गई है। यह शायद लाल सागर में ड्रोन हमलों का परिणाम है। इसलिए, हमने कार्रवाई की है। पर्याप्त संख्या में अपने जहाजों की तैनाती की है। हम किसी को भी समुद्री डकैती की अनुमति नहीं देंगे। इसके लिए हम उचित कदम उठा रहे हैं। एडमिरल हरि कुमार ने बताया कि भारतीय नौसेना अपने जल क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए क्षेत्र के अन्य भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रही है।

भारतीय ध्वज वाले किसी भी जहाज पर नहीं हुआ हमला
उन्होंने बताया कि भारत के झंडे वाले किसी भी व्यापारिक जहाज पर कोई हमला नहीं हुआ है। पिछली बार बड़ी संख्या भारतीय नौसेना के कर्मियों के दल को लेजा रहे जहाज पर समुद्री डाकुओं ने हमला किया था। इसका हमने तुरंत जवाब दिया और अपने सैनिकों को तैनात किया। हम इस क्षेत्र के अन्य भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। कई साझेदार भी चाहते हैं कि प्रशांत क्षेत्र स्वतंत्र, खुला, समावेशी, नियम-आधारित और सुरक्षित हो। हम अपने सभी साझेदारों का सहयोग करेंगे। इनमें क्षेत्र के छोटे देश भी शामिल हैं।