भारत में चीन के कई सामान की बिक्री होती है. अलग-अलग सेक्टर में कुछ न कुछ चाइनीज सामान जरूर मिल जाएगा और इनकी खरीद-बिक्री भी काफी होती है. हालांकि अब भारत सरकार की ओर से चाइनीज सामान को लेकर कदम उठाया गया है. इसको लेकर अब सरकार की ओर से कुछ उत्पादों को लेकर डंपिंग की जांच शुरू की गई है. वहीं इन उत्पादों का आयात करोड़ों रुपये में होता है. आइए जानते हैं इसके बारे में…
खुद लिया संज्ञान
भारत अलग-अलग देशों से सामानों का आयात करता है. जरूरत के मुताबिक होने वाले आयात में कुछ सामान चीन से भी आते हैं. अब वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई डीजीटीआर ने खुद संज्ञान लेते हुए चीन की कंपनियों के जरिए रोलर चेन, कांच के दर्पण और फास्टनर सहित चार उत्पादों की कथित डंपिंग की जांच शुरू की है. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है.
एमएसएमई इकाइयों की रक्षा करने का उद्देश्य
जानकारी देते हुए कहा कि व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) पड़ोसी देश से सस्ते आयात से एमएसएमई इकाइयों की रक्षा करना चाहता है. आमतौर पर डंपिंग रोधी जांच घरेलू उत्पादकों के आवेदन के आधार पर शुरू की जाती है, लेकिन चूंकि इन उद्योगों को व्यापार उपचार जांच में शामिल प्रक्रियाओं की जानकारी नहीं थी, इसलिए डीजीटीआर ने अपने स्तर पर मामले की जांच शुरू की है.
डंपिंग की जांच
व्यापार उपचार महानिदेशक अनंत स्वरूप ने कहा कि ये उत्पाद मुख्य रूप से छोटी और मझोली इकाइयों (एमएसएमई) के जरिए बनाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि इन चारों उत्पादों का आयात कुल मिलाकर करीब 800 करोड़ रुपये का है और ये चीन से आ रहे हैं. स्वरूप ने कहा, ‘‘हमने खुद संज्ञान लेते हुए चार मामले शुरू किए हैं.’’ डीजीटीआर ने कहा कि वह टेलिस्कोपिक चैनल ड्रॉयर, बिना फ्रेम वाले कांच के दर्पण और फास्टनर की कथित डंपिंग की जांच कर रहा है.