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सावधान देश में सड़क हादसों में दिल्ली नंबर वन

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नई दिल्ली । हर दिन देश के किसी न किसी राज्य से रोड एक्सीडेंट की खबरें आती रहती हैं। भारत में होने वाली हर 10 सड़क दुर्घटनाओं में 7 दुर्घटनाएं वाहनों की तेज स्पीड की वजह से होती हैं। अभी हाल ही में देश में सड़क दुर्घटनाओं को लेकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से एक आकंड़ा पेश किया गया। इससे पता चला है कि 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में सबसे ज्यादा रोड एक्सीडेंट राजस्थानी दिल्ली में होते हैं। एक्सीडेंट के मामले में दिल्ली पहले पायदान पर है। केंद्र सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में सड़क हादसों में करीब 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। साल 2022 के आंकड़ों की अगर बात करें तो देश में कुल 4,61,312 सड़क दुर्घटना हुई है, जिनमें 1,68,491 लोग मौत का शिकार हुए हैं। वहीं बात करें 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों की तो दिल्ली में 5,652 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं। 2022 में दिल्‍ली के भीतर सड़क हादसों में करीब डेढ़ हजार लोग मारे गए। यह संख्‍या 2021 के मुकाबले 18 प्रतिशत ज्यादा रही। सड़क हादसों में मौतों के मामले में बेंगलुरु (772 मौतें) दूसरे नंबर पर रहा। 10 साल से ज्यादा आबादी वाले शहरों में सड़क हादसों में मौतों के मामले में दिल्‍ली नंबर वन रही। मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार दिल्‍ली में 2021 में 4,720 सड़क हादसे हुए, जबकि 2022 में 5,662। वहीं 2021 और 2022 में शहरों में होने वाले हादसों में मौतों के मामलों में दिल्‍ली सबसे ऊपर रही। इसके बाद दूसरा नंबर इंदौर का आता है, यहां 4,680 सड़क दुर्घटनाएं हुई है। वहीं जबलपुर में 4,046 लोगों की मौत हुई है। आकड़ों से पता चला है कि 10 लाख की आबादी वाले 50 शहरों में देश की कुल दुर्घटनाओं में से 46.37 प्रतिशत दुर्घटनाएं दिल्ली, इंदौर, जबलपुर, बेंगलुरु, चेन्नई, भोपाल, मल्लापुरम, जयपुर, हैदराबाद और कोच्चि में हुई हैं। देश में सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह ओवरस्पीडिंग है। इसे साथ ही नशे में गाड़ी चलाना, लापरवाही से ड्राइविंग करना, ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना, सड़क हादसों की मेन वजह है। अकेले बाइक हादसों में 50 हजार लोगों की मौत हुई है। इसमें बाइक चला रहे 35,692 बाइक सवारों की तो बाइक के पीछे बैठे 14,337 लोगों की मौत हुई है। गांव और शहरी इलाकों में एक्सीडेंट के आंकड़ों की अगर बात करें तो साल 2022 में 68 प्रतिशत मौतें ग्रामीण इलाकों में हुई है। वहीं 32 प्रतिशत मौतें शहरी क्षेत्रों में हुई हैं।