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धार्मिक स्थलों पर भक्ति का सैलाब

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जम्मू । नवरात्रि के पावन पर्व पर जम्मू के त्रिकुटा की पहाड़ी में स्थित मां वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए इस बार जनवरी से लेकर अभी तक 80 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं। इस साल के अंत तक यह आंकड़ा एक करोड़ पार कर जाएगा। पिछले साल वैष्णो देवी के दर्शन करने 91.24 करोड़ दर्शनार्थ पहुंचे थे। नवरात्रि के दौरान श्राइन बोर्ड ने यात्रियों की सुविधा के लिए कई प्रोजेक्ट लॉन्च किए थे।
धार्मिक स्थल पर श्रद्धालुओं की संख्या बड़ी तेजी के साथ बढ़ती जा रही है। श्रद्धालु भक्त अपने कष्ट, नौकरी, बीमारी और महंगाई से निजात पाने की मन्नत के साथ मंदिरों के दर्शन करने पहुंच रहे हैं।
उज्जैन के महाकाल मंदिर में इस वर्ष जुलाई से लेकर अभी तक 2.4 करोड़ श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंच चुके हैं। मंदिर प्रशासन को 129 करोड रुपए का दान भी प्राप्त हुआ है। जो अभी तक का सर्वाधिक दान है।
इसी प्रकार वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में इस साल 6 करोड़ से अधिक भक्तों ने दर्शन किए हैं। सावन के महीने में 1.63 करोड़ श्रद्धालु यहां पर पहुंचे थे।
उत्तराखंड राज्य की चार धाम यात्रा करने के लिए भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इस वर्ष अभी तक 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चार धाम की यात्रा की है। जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। पिछले साल 44.32 करोड़ श्रद्धालु चार धाम की यात्रा पर पहुंचे थे।
जिस तरह से भक्तों के कष्ट बढ़ रहे हैं। उसके साथ, भक्तों की आस्था भी धार्मिक स्थलों के प्रति बढ़ रही है। भक्तों को लग रहा है कि भगवान की आस्था के साथ पूजन करने पर उनके कष्ट भगवान की कृपा से चमत्कारिक ढंग से दूर होंगे। धार्मिक स्थलों के प्रचार प्रसार, चमत्कार और सुविधाओं के कारण सोशल मीडिया ने भक्तों की आस्थाओं को काफी बढ़ा दिया है। उन्हें लगता है कि भगवान उनके कष्टों को मिंटों मे दूर कर सकते हैं। इसके कारण धार्मिक स्थलों के प्रति आस्था दिनों दिन बढ़ती चली जा रही है। इसके साथ ही धार्मिक स्थलों की कमाई भी बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है। अब तो सरकार भी धार्मिक स्थलों को पर्यटन उद्योग के रूप में देखने लगी है।