मुंबई । भारत की दिग्गज एडुटेक स्टार्टअप कंपनी बायजू पर लेंडर्स ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने कथित तौर पर तीन साल पुराने एक हेज फंड में 53.3 करोड़ डॉलर छिपाए थे। मियामी-डेड काउंटी कोर्ट में फाइल दस्तावेज के अनुसार, कुछ ऋणदाताओं ने एक मुकदमे में आरोप लगाया है कि बायजू ने विलियम सी. मॉर्टन द्वारा स्थापित निवेश फर्म फंड को पिछले साल करोड़ों डॉलर ट्रांसफर किए थे। इस इनवेस्टमेंट फर्म को मॉर्टन ने 23 साल की उम्र में शुरू किया था और इस प्रकार से उस निवेश का खास प्रशिक्षण नहीं था। इसके अलावा अपने पैसों की रिकवरी में लगे लेंडर्स के मुताबिक इस फंड ने एक बार दावा किया था कि इसका मुख्य कारोबार मियामी में पैनकेक रेस्तरां का है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऋणदाताओं ने कहा है कि निवेश में औपचारिक प्रशिक्षण की स्पष्ट कमी के बावजूद मॉर्टन के फंड को पैसा मिला। अदालत में जमा कागजात के अनुसार, बायजू जब पैसे भेजे थे, उसके बाद से अब तक लक्जरी कारें 2023 फेरारी रोमा, एक 2020 लेम्बोर्गिनी हुराकैन ईवीओ, और एक 2014 रोल्स-रॉयस व्रेथ-मॉर्टन के नाम पर रजिस्टर्ड की गई हैं। मियामी-डेड काउंटी अदालत की फाइलिंग में लेंडर्स ने तर्क दिया, लेनदारों को बाधा पहुंचाने और देरी करने के स्वीकृत उद्देश्य के लिए बायजू ने उधारकर्ता के 533 मिलियन डॉलर के ठिकाने को छिपाने के लिए काफी प्रयास किए हैं। हालांकि, बायजू प्रवक्ता ने कहा कि व्यावसायिक रूप से विवेकपूर्ण उधारकर्ता के रूप में और किसी भी अन्य बड़े कॉर्पोरेट खजाने की तरह, बायजू अल्फा (अमेरिकी सहायक कंपनी) ने हाई सिक्योरिटी फिक्स इनकम उपकरणों के साथ सौ अरब डॉलर से अधिक के फंड में निवेश किया है। बायजू के प्रवक्ता ने कहा उधारदाताओं के साथ हमारा क्रेडिट समझौता इसके तहत वितरित धन की आवाजाही या निवेश को प्रतिबंधित या प्रतिबंधित नहीं करता है।