नई दिल्ली । ब्रिटेन के वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने कहा कि भारत सरकार ने कहा है कि वह भारतीय कंपनियों को सीधे लंदन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग की अनुमति देने पर विचार करेगी। इससे स्टार्टअप्स को दक्षिण एशियाई देशों में विकास के लिए विदेशी पूंजी तक पहुंच मिलेगी। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और नैस्डैक के बाहर लंदन स्टॉक एक्सचेंज बड़े एक्सचेंजों में से एक है। यह चर्चा ऐसे समय आई जब देश में कई स्टार्टअप्स की नजर सार्वजनिक लिस्टिंग पर है। जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद द्विपक्षिय वार्ता के बाद भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ एक संयुक्त बयान देते हुए प्रेस से बात कर रहे थे। उन्होंने भारत द्वारा इस मामले की पुष्टि करने पर प्रसन्नता जताई। सीतारमण ने पुष्टि की कि भारत लंदन स्टॉक एक्सचेंज को लेकर अवसर तलाश रहा है। हालांकि, इस मामले से जुड़े भविष्य के अपडेट को लेकर उन्होंने कोई समय सीमा नहीं दी है। मौजूदा नियमों के तहत भारतीय कंपनियों को सीधे विदेशी एक्सचेजों पर लिस्टिंग की अनुमति नहीं है। अभी भारतीय कंपनियां केवल डिपॉजिटरी रसीद जैसे उपकरणों के जरिए विदेशी मुद्रा पर लिस्ट हो सकती हैं। अभी फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म, कंज्यूमर कंपनियां, ऊर्जा और मैटेरियल ऑपरेटर्स भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर हावी हैं। इस साल की शुरुआत में एक फाइनेंशियल सर्विस कंपनी मिराए एसेट ने अनुमान लगाया था कि भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों के सूचकांक में अगले 2 दशकों में उथल-पुथल भरी वृद्धि देखी जाएगी।