जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भविष्य में कांग्रेस अध्यक्ष बनने की इच्छा जाहिर की है। साथ ही गहलोत ने सचिन पायलट को केंद्रीय मंत्री बनाने में सहयोग करने का फिर दावा किया है। कांग्रेस अध्यक्ष बनने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष कौन नहीं बनना चाहेगा? यह पद काफी प्रतिष्ठा वाला है। हालात ऐसे बने कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बन पाया। यह गलत धारणा है कि मैं सीएम बने रहना चाहता था इसलिए पद नहीं छोड़ा और कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बना। सोनिया गांधी जानती हैं कि सच्चाई क्या है? मैं इस मामले में और ज्यादा गहराई में नहीं जाना चाहता। हम सबको मिलकर चुनाव लड़ना है। हालांकि मैं कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहूंगा क्योंकि यह 100 गुना ज्यादा अच्छा होगा और यह सीएम से बहुत बड़ा पद है। अगर आज मौका मिलता है तो मैं कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहूंगा।
पायलट ने केंद्रीय मंत्री बनाने में सहयोग मांगा था
पायलट से जुड़े सवाल पर गहलोत ने कहा- जब सचिन पायलट केंद्रीय मंत्री बने, तब मैंने उनका सहयोग किया था। उस समय हमने राजस्थान में 25 में से 20 सीट जीती थीं। जब मुझसे पूछा गया कि राजस्थान से किसको केंद्र में मंत्री बनाएं तो मैंने सचिन पायलट का नाम सुझाया था, क्योंकि पायलट गुर्जर समुदाय से ताल्लुकात रखते हैं और उसी समय वसुंधरा राजे सरकार ने आंदोलकारी गुर्जरों को गोलियों से भून दिया था।
यह मेरी जिम्मेदारी थी कि दिल्ली में मेरे राज्य के पक्ष में बोलता। उस वक्त गुर्जर और मीणा समुदाय के बीच में जबरदस्त तनाव था, उसे शांत करने के लिए मैंने सचिन पायलट का नाम लिया। सचिन ने मुझे इसके लिए कॉल भी किया था, तब मैंने उन्हें कहा था कि मैं पहले ही आपकी सिफारिश कर चुका हूं। मैं जनहित में राजनीति करता हूं और मेरी डिक्शनरी में कभी भी दुश्मनी नाम का शब्द नहीं रहा है।
मैंने और राजेश पायलट ने संसद में साथ करियर शुरू किया
राजेश पायलट के समर्थन में ट्वीट करने के सवाल पर गहलोत ने कहा- मैं और राजेश पायलट संसद में साथ गए थे। हमने एक साथ संसद में करियर स्टार्ट किया। मैंने कभी नहीं सुना कि उन्होंने मिजोरम में बमबारी की।
सचिन पायलट ने खुद ट्वीट करके साफ किया कि उनके पिताजी ने एयरफोर्स में काम ही बाद में शुरू किया था जबकि मिजोरम पर बमबारी मार्च 1966 में हुई थी। बीजेपी के फैक्ट ही गलत हैं। मैंने इसलिए ट्वीट किया क्योंकि बीजेपी सोल्जर का अपमान कर रही थी। मैंने एक सैनिक के समर्थन में ट्वीट किया।
पायलट को मंत्री बनाने वाला मैं कौन होता हूं, हाईकमान तय करेगा
फिर से सरकार बनने पर सचिन पायलट को मंत्री बनाए जाने के सवाल पर गहलोत ने कहा- मैं कौन होता हूं उन्हें मंत्री बनाने वाला? हाईकमान ही लोगों को मुख्यमंत्री और मंत्री बनाता है, यह हमारी पार्टी का अनुशासन है और ये सब भविष्य की बातें हैं। यह उसी समय लोगों के मूड और चर्चा के बाद तय होगा कि कौन क्या बनता है?
लोग मुझे जादूगर कहते हैं, मैं लोगों की सेवा का जादू करता हूं
गहलोत ने कहा- लोग मुझे जादूगर कहते हैं, लेकिन मैं केवल जनता की बेहतर सेवा करने का ही एकमात्र जादू करता हूं। इस बार हमारी सरकार ने बेहतरीन काम किया है और उसके बूते हमारी सरकार रिपीट होगी। चुनावों में हमारी पार्टी को सरकार के कामों का फायदा मिलेगा और सरकार रिपीट होगी। पिछले 5 साल के दौरान हमने कई ऐसी स्कीम्स लॉन्च की हैं जिनका फायदा गांव-ढाणी तक पहुंचा है।
इस बार रिवाज बदलेगा और हमारी सरकार रिपीट होगी। सरकार के कामकाज के बूते हम सरकार रिपीट करेंगे। हर गांव-ढाणी तक हमारी योजनाएं पहुंच रही हैं। हमने एजुकेशन सिस्टम को बदल दिया है। गांव-गांव तक हमने अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोल दिए हैं। गांव वालों ने अंग्रेजी मीडियम स्कूलों का महत्व समझा है। हमारे खोले गए अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में तीन लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। बीजेपी लोगों में यह भ्रम फैला रही है कि हम चुनाव के समय स्कीम लॉन्च करते हैं, उन लोगों के अफवाहें फैलाने की पुरानी आदत रही है।
सामने चेहरा नहीं है तो अटैक भी किस पर करें?
बीजेपी में एक चेहरा नहीं होने पर गहलोत ने कहा- हमारे लिए बड़ी समस्या है, इस वजह से हम उनको उस तरीके से अटैक भी नहीं कर सकते हैं। सामने कोई चेहरा नहीं हो तो अटैक भी किसको करो? बीजेपी के पास कोई चेहरा तक नहीं है, हमें अपनी अप्रोच चेंज करनी पड़ेगी, लेकिन मैं सोचता हूं कि जनता इस बार हमें फिर से मौका देने के मूड में है। जैसा कि 1998 में हमने 156 सीट जीती थीं, उस वक्त सोनिया गांधी पार्टी की अध्यक्ष थीं। इस बार भी हम मिशन-156 पूरा करेंगे।
जातिगत जनगणना के डेटा सार्वजनिक करे केंद्र सरकार
जातिगत जनगणना के मुद्दे पर गहलोत ने कहा- कांग्रेस का यह मानना है कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए। मैं प्रधानमंत्री से मांग करना चाहूंगा कि 2011 की जातिगत जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक किया जाए। 2011 की जातिगत जनगणना के डेटा सामने आने चाहिए। ये डेटा सामने आने के बाद में वंचित वर्गों को उनका हक आसानी से मिल सकेगा। मैं यह नहीं समझ पा रहा कि केंद्र सरकार उस डेटा को सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही है? जब ये विपक्ष में थे तो इसकी मांग उठाते थे।