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सिंगापुर और यूएई के बाद अब पश्चिमी देशों में फैलेगा UPI का नेटवर्क…

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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने बीते दिन मौद्रिक नीति पर लिए गए फैसलों का एलान किया है। इसी के साथ आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यूपीआई की पहुंच अब विदेश तक पहुंच रहा है। पश्चिमी देशों के साथ जापान में भी यूपीआई अपनी पहुंच बना रहा है। 21 फरवरी, 2023 को आरबीआई ने सिंगापुर के Paynow के साथ यूपीआई को लिंकेज किया है। इसके बाद दोनों देशों के बीच तेज और अधिक पारदर्शी तरीके से यूपीआई भुगतान शुरू हुआ।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने सिंगापुर के समकक्ष रवि मेनन, जो सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक हैं, के साथ मिलकर नया लिंकेज लॉन्च किया।

तीसरी मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए, गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई यूपीआई भुगतान में एआई (AI) का उपयोग करने और यूपीआई-लाइट में ऑफलाइन पेमेंट में उपयोग की जाने वाली नियर-फील्ड संचार (एनएफसी) तकनीक को तैनात करने की योजना बना रहा है। इस से यूपीआई लाइट हो रहे छोटे ट्रांजेक्शन की लिमिट को 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया।

जापान में भी पहुंच जाएगा यूपीआई

विदेश में कई देशों में यूपीआई के जरिये पेमेंट शुरू हो चुका है। सिंगापुर के साथ कोलेबोरेशन पहले ही हो चुका है। हाल में यूपीआई को यूएई की भुगतान प्रणाली इंटीग्रेटेड पेमेंट प्लेटफॉर्म (आईपीपी) के साथ जोड़ा गया है। इसके लिए आईपीपी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किया गया है।

बाहर के देशों को यूपीआई से जोड़ने को लेकर शक्तिकांत दास ने कहा कि आने वाले महीनों में कई देशों में यूपीआई के जरिये भुगतान हो सकेगा। कुछ अन्य देशों के साथ भी उनकी भुगतान प्रणालियों को यूपीआई के साथ जोड़ने के लिए चर्चा चल रही है। इसमें कुछ उन्नत अर्थव्यवस्थाएं भी शामिल हैं। इन्होंने यूपीआई से जुड़ने में रुचि दिखाई है।

इसके आगे उन्होंने कहा कि यूपीआई अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हो गया है।यह शायद दुनिया में सबसे कुशल और उन्नत भुगतान प्रणाली है। हाल ही में जी 20 (G20) के वित्त मंत्रियों और गवर्नरों की बैठक में, यूपीआई को व्यापक रूप से मान्यता दी गई थी। जल्द ही कई और देशों में यूपीआई के जरिए पेमेंट हो पाएगी।

आपको बता दें कि यूपीआई से लिंकेज करने के लिए हाल में ही जापानी मंत्री ने संपर्क किया है। इसकी जानकारी डिप्टी गवर्नर ने दी है। डिप्टी गवर्नर कहते हैं कि हमें खुशी है कि जापान जैसा उन्नत अर्थव्यवस्था वाला देश यूपीआई में रुचि दिखा रहा है।