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भिलाई /भिलाई इस्पात संयंत्र के एससी एसटी वर्ग के पदोन्नत एग्जीक्यूटिव आफिसरो के सम्मान समारोह में बोलते हुए मुख्य अतिथि दुर्ग संभाग के कमिश्नर एम डी कावरे ने कहा कि इतने कम समय में भिलाई स्टील प्लांट का उत्पादन एक मिलियन टन से बढ़ाकर 7 मिलियन टन करने में आप सब एग्जीक्यूटिव अधिकारियों का बहुत बड़ा योगदान है इसे बढ़ाकर 50 मिलियन टन करने का जो लक्ष्य लिया गया है उसे आप सब जरुर पूरा कर लेंगे। इतने कम समय में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करना बहुत मेहनत, लगन और समर्पण का काम है। उन्होने सबसे लंबी रेल पटरियां बनाने वाले यूनिवर्सल रेल मिल की तारीफ की और वहां के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक श्री एस आर बाबू की सराहना की। उन्होने चंद्रयान तीन के लिए इस्पात का निर्माण करने के लिए भी भिलाई स्टील प्लांट के अधिकारियों की भूरी भूरी प्रशंसा की। उन्होने एससी एसटी वर्ग के सभी 122 अधिकारियों को समय पर अपना एसीआर जमा करने और इस प्रकार समय पर पदोन्नति लेकर आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरणा दी। कमिश्नर कावरे साहब ने महिला उद्यमी शकुंतला केशकर की तारीफ करते हुए, उनकी तरह दूसरी महिलाओं को भी उद्योग एवं व्यापार के क्षेत्र में चुनौती लेने आगे आने कहा। उन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा भारत के नवनिर्माण में बहुउद्देशीय योजनाओं की प्लानिंग और क्रियान्वयन को याद किया और सभी एससी एसटी अधिकारियों को डा अंबेडकर की तरह दूरदृष्टि से काम करने का आह्वान किया। कार्यक्रम की शुरुवात में उन्होने और अन्य अतिथियों ने बाबा गुरु घासीदास तथा बाबासाहेब डा भीमराव अम्बेडकर के छाया चित्रों पर माल्यार्पण कर उन्हे याद किया।

इस विशिष्ट आयोजन में बोलते हुए पूर्व एडिशनल कलेक्टर एवं संयुक्त संचालक छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी श्री विश्वास मेश्राम द्वारा सभी पदोन्नत एग्जीक्यूटिव अधिकारियों को मुबारकबाद दिया। उन्होने अपने सारगर्भित संबोधन में भिलाई स्टील प्लांट और सेल के सामने विद्यमान चुनौतियों की याद दिलाई तथा सेल सहित सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य उद्योगों के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने एससी एसटी अधिकारियों को याद दिलाया कि किस प्रकार सार्वजनिक इकाइयों ने देश में रोजगार के अवसर पैदा किए जिनमें लागू रिज़र्वेशन पॉलिसी के कारण हमें एग्जीक्यूटिव पोस्ट पर नौकरियां मिल पाई। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों के महत्व को बताते हुए देश के नवनिर्माण में उनके इतिहास को जानने और आम लोगों में इसका प्रचार प्रसार कर इन्हें बिकने से बचाने में अपना योगदान देने के लिए अधिकारियों से अपील की।
विशिष्ट अतिथि के रूप में अपनी बात रखते हुए आल इंडिया सेल एससी एसटी एंप्लॉइज फेडरेशन के अध्यक्ष श्री सुनील रामटेके ने एइएफ सम्मेलन के आयोजन को बहुत सार्थक बताया। उन्होने बीएसपी में एग्जीक्यूटिव अधिकारियों की पदोन्नति के लिए पूर्व केंद्रीय इस्पात एवं खनिज मंत्री श्री रामविलास पासवान के योगदान की याद दिलाई। उन्होंने संगठन की ताकत का अहसास दिलाते हुए कहा कि हमारे एससी एसटी अधिकारियों कर्मचारियों के संगठनों का मज़बूत होना जरुरी है। उन्होने एइएफ के पदाधिकारियों के व्यवहार और सामाजिक तथा सांगठनिक कामों की तारीफ करते हुए सेल में एससी एसटी अधिकारियों कर्मचारियों के प्रतिनिधित्व को और अधिक बढ़ाने के लिए लगातार संघर्ष जारी रखने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। संगठन के पूर्व अध्यक्ष तथा मूलनिवासी कला साहित्य और फिल्म फेस्टिवल के अध्यक्ष पूर्व जीएम श्री एल उमाकांत ने सभी पदोन्नत एग्जीक्यूटिव अधिकारियों को बधाई देते हुए उन्हें मिलजुलकर रहने और काम करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होने ए इ एफ संगठन निर्माण का इतिहास याद दिलाते हुए, अब तक किए गए कामों की याद दिलाई और सभी अधिकारियों को आत्मसम्मान के साथ नौकरी करने और जीवन जीने की सलाह दी।
इस सम्मेलन को सेल के पूर्व सीजीएम एस आर बाबू, वर्तमान सीजीएम सुशील कुमार, ए के जोशी और एस पी निगम, पूर्व जीएम पी पी वर्मा, वर्तमान जीएम प्रभाकर खोबरागड़े, कमल टंडन, बी बाला तथा एसके केसकर और सुधीर रामटेके ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन कमल टंडन और सुधीर रामटेके ने किया तथा एसपी निगम द्वारा आभार प्रकट किया गया।