भोपाल। 2020 में विभीषणों के कारण सत्ता गंवाने वाली कांग्रेस में अभी भी विभीषणों की कमी नहीं हैं। ऐसे ही किसी विभीषण के माध्यम से कांग्रेस के वचन-पत्र में शामिल मुद्दों को भाजपा तक पहुंचा दिया है। बताया जाता है कि सत्ता और संगठन ने तत्काल उस पर मंथन कर कांग्रेस से पहले ही उन पर अमल करने की रणनीति बना ली है। इनमें से सबसे बड़ा और अहम मुद्दा है प्रदेश में संविदा कल्चर को समाप्त करना। इस एक वचन के माध्यम से कांग्रेस 2.50 लाख से ज्यादा संविदा कर्मचारियों को राहत पहुंचाने का जतन कर रही थी। लेकिन उससे पहले ही सरकार ने इसे लपक लिया है और उसपर काम शुरू कर दिया है।
गौरतलब है की 2018 में कांग्रेस ने अपना पहला वचन पत्र बनवाया था। वह वचन पत्र जनता ने खूब भाया था और मतदाताओं ने 15 साल बाद कांग्रेस को सत्ता सौंपी थी। इस बार भी कांग्रेस वचन पत्र बनवा रही है। इसके लिए करीब सालभर पहले ही कमेटी बनाकर काम करना शुरू कर दिया था। कमेटी के सदस्य रात-दिन मेहनत करके वचन पत्र के लिए मुद्दे तलाशते रहे। लेकिन किसी कांग्रेसी ने ही उस वचन पत्र को भाजपा के हवाले कर दिया है। इससे कांग्रेस में बवाल मच गया है।