प्रदेश के वन, परिवहन, आवास, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा कवर्धा विधायक श्री मोहम्मद अकबर ने आज रेंगाखार कला में आज वन-धन भवन केन्द्र भवन का लोकार्पण किया। साथ ही उन्होने कोदो प्रोसेसिंग एवं तेल मशीन प्रोसेसिंग केन्द्र का शुभारंभ किया। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में वनोपज संग्रहण से जुड़े लाखों परिवारों के आर्थिक विकास और उनके जीवन उत्थान की दिशा में ठोस फैसले लेकर उनके विकास के लिए अनेक योजनाएं और कार्यक्रम चलाए जा रहे है। उन्होने कहा कि वनांचल क्षेत्र के रेंगाखार कला वनोपज की दृष्टि से समृद्ध गांवों में शामिल है। वन-धन भवन का केन्द्र खुलने से वनोजप से जुड़े महिला स्वसहायता समूहों को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और उनके आर्थिक विकास में यह केन्द्र महम भूमिका निभाएगा। यहां बताया गया कि कबीरधाम जिले में वन विभाग द्वारा पांच वन-धन केन्द्र संचालित है। इसके बोड़ला, जुनवानी, तरेगांव, और कोदवा वनधन केन्द शामिल है। वन-धन केन्द्र में इससे जुड़े महिला स्वसहायता समूह द्वारा लघु वनोपज का प्राथमिक प्रसंस्करण एवं द्वितीयक प्रसंस्करण के रूप में कार्य किया जाता है। प्राथमिक प्रसंस्करण के अंतर्गत लघु वनोपज की साफ-सफाई कार्य किया जाता है। और द्वितीयक प्रसंस्करण में उत्पादक तैयार जैसे कोदो से चावल तैयार करना, कच्चा शहद को मशीन से रिफाइन कर कर बेहतर पैकेजिंग कर बाजार में उपलब्ध कराना शामिल है। इस अवसर पर कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा, डीएफओ श्री चूड़ामणि सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि श्री होरी लाल साहू, श्री नीलकंठ चंद्रवंशी, बोड़ला जनपद अध्यक्ष श्रीमती अमिता प्रभाती मरकाम, उपाध्यक्ष श्री सनत जायसवाल, श्री सुमरन सिंह धु्रर्वे, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती रामकली, श्री रामकुमार पटेल, श्री तुकाराम चंद्रवंशी, हंसराम धुर्वे, श्री जागृतदास मानिकपुरी, श्री हंसराम धुर्वे, श्री लेखराम पंचेश्वर, श्री तानसेन चौधरी, श्री सुरेश जायसवाल, श्री सुकालु धुर्वे, श्री भगोल सिंह मेरावी, श्री शहीद खान, श्री लखन सिंह चौधरी, श्री मोहनलाल अग्रवाल, ग्राम पंचायत सिवनीखुर्द के सरपंच श्रीमती विमला यशवंत पालके, श्री बंशी कुंभकार, श्री सजीद खान, श्री किस्मत सिंह धुर्वे, श्री उमर लाल धुर्वे, श्री मोहित नेताम, श्री बलवंत पटेल, श्री संतोष कुंभकार, श्री संतोष धरमगढ़े, श्री गजराज टेकाम, श्री धनश्याम साहू, श्री चंदन दादरे, श्री दीपचंद, श्री इंद्रकुमार पालके, श्री पुसुराम मेरावी, श्री महेश सिंह नेताम, श्रीमती तनिषा चौधरी, अमरिका नेताम, अनिता कश्यप, विमला धुर्वे, मानक राम, आदित्य नारायण तिवारी एवं समस्त वनांचलवासी उपस्थित थे।
कोदो कुटकी एवं रागी लघु धान्य रूप में जाना जाता है
वन मण्डलाधिकारी श्री चूड़ामणि सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कोदो-कुटकी एवं रागी फसल को लघु धान्य फसल के रूप में जाना जाता है। राज्य सरकार द्वारा कोदो-कुटकी एवं रागी फसल को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है। कोदो-कुटकी एवं रागी फसल से इसके जुड़े लघु धान्य उत्पादक किसानों की आर्थिक विकास को बेहतर बनाने के लिए समर्थन मूल्य निर्धारित की गई। इसे भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना से जोड़ा गया है। धान के बदले कोदो-कुटकी एवं रागी फसल को लेने या फसल चक्र परिर्वतन से जुड़ने वालो उत्पादक किसानों की प्रति एकड़ 10 हजार रुपए दिए जाते है।
कोदो-कुटकी उत्पादक तथा क्रय करने में प्रदेश में कबीरधाम जिला अव्वल
डीएफओ श्री चूड़ामणि सिंह ने बताया कि कबीरधाम जिले में पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा कोदो की खरीदी की गई है। राज्य शासन द्वारा कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य 3000 रुपए निर्धारित की गई है। राज्य के अलग अलग जिले में कोदो-कुटकी खरीदी के लिए लक्ष्य भी निर्धारित किए गए। कबीरधाम जिले में राज्य शासन द्वारा 8 हजार क्विंटल खरीदी करने के लक्ष्य रखा गया था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के फलस्वरूप कबीरधाम जिले में कबीरधाम जिले के किसानों द्वारा फसल चक्र परिवर्तन को ज्यादातर किसानों द्वारा अपनाई गई। कबीरधाम जिले में 10 हजार क्विंटल खरीदी के लक्ष्य की तुलना में 21 हजार 300 क्विंटल कोदो की खरीदी की गई। प्रदेश में कबीरधाम जिला कोदो – कुटकी उत्पादक तथा क्रय करने करने में बन गया है। जिले में 5 वन धन केंद्र तथा 38 हाट बाजार में समिति द्वारा खरीदी की गई।
तरेगांवजंगल, कुकदूर, बैरख में संचालित है कोदो-कुटकी प्रसंस्करण केंद्र
कोदो-कुटकी का उत्पादन कबीरधाम जिले में सर्वाधिक होने तथा इससे जुड़े किसानों की आर्थिक समृद्धि को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार के मंशानुरूप जिला प्रशासन द्वारा जिले में चार अलग अलग स्थानों में कोदो-कुटकी फ्रोसेसिंग मशीन लगाने का निर्णय लिए गए। इस निर्णय के अनुसार जिले के आदिवासी बैगा बाहुल्य बोड़ला विकासखण्ड के ग्राम तरेगांवजंगल और बैरख में कोदो फ्रोसेसिंग मशीन लगाई गई। इसी प्रकार पंडरिया विकासखण्ड के ग्राम पोलमी और कुकदूर में यह मशीन लगाई गई है। कोदो की यह फ्रोसेसिंग मशीन वन विभाग के गठित महिला समूह द्वारा संचालित की जा रही है।