- छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना से आदित्य और आकांक्षा की पूरी हो गई आकांक्षा
बिलासपुर, 8 दिसम्बर | Cg Mahtari Dular Yojna : आदित्य और आकांक्षा श्रीवास्तव शहर के प्राईवेट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। लेकिन कोरोना महामारी से अचानक हुए पिता की मौत ने उनकी अच्छी शिक्षा के सपने पर ग्रहण लगा दिया।
हंसते खेलते अपने दोस्तों के साथ स्कूल जाते बच्चो के पैर महामारी ने थाम दिये। ऐसे समय में (Cg Mahtari Dular Yojna) छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना ने उनके जीवन का मार्ग प्रशस्त किया। आज दोनो बच्चे स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल मंगला में पढ़ रहे है।
कोरोना महामारी संक्रमण के दौर में विगत मई माह में इन बच्चों के पिता अरूण श्रीवास्तव संक्रमित हुए और इलाज के बाद भी बच नही पाए।वे घर के अकेले कमाने वाले सदस्य थे। उनकी पत्नी गृहणी है।
पति के मृत्यु के बाद सरिता के समक्ष अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा-दिक्षा की समस्या खड़ी हो गई। परिवार का खर्च वह किसी तरह चला रही है। लेकिन प्राईवेट स्कूल का खर्च उठाना उसके लिए मुमकिन नही था।
छ.ग. महतारी दुलार योजना (Cg Mahtari Dular Yojna) ने नामुमकिन को मुमकिन बना दिया। उसके बच्चे स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पड़ रहे है। आदित्य को कक्षा 7वीं और आकांक्षा को कक्षा तीसरी में प्रवेश दिलाया है।
सरिता ने बताया है अब उन्हें अपने दोनो बच्चो की शिक्षा के लिए कोई चिंता नही है। निःशुल्क किताबे, स्कूल ड्रेस के साथ निःशुल्क शिक्षा मिल रही है साथ ही हर महिने 500 रू छात्रवृत्ति भी। केवल खाने पीने का खर्च ही उन्हे करना पड़ता है।
स्कूल के शिक्षक भी बहुत सहयोगी है। बच्चों के शिक्षा और उनके विकास के उपर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। उन्होने कहां की स्वामी आत्मानंद स्कूल छ.ग. सरकार की यह अभिनव योजना है।
अब तो हर माता पिता की इच्छा है की उनके बच्चे इस स्कूल में पढ़ाई करें। महतारी दुलार योजना ने भी जरूरतमंद लोगो यह मौका सुलभ कराया है।