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विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा केंद्र, शोध-नवाचार के माध्यम से कोरोना संकट से मुक्त होने में सहभागी बनें : सुश्री उइके

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राज्यपाल ने कोरोना संकट से समाधान एवं जागरूकता विषय पर वर्चुअल रूप से ली बैठक
कोरोना काल में असहाय विद्यार्थियों की मदद करने का दिए निर्देश
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रायपुर, 11 मई 2021 विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के केंद्र है, वे शोध के माध्यम से नवाचार करे। कोरोना संकट पर अधिक से अधिक शोध कर इस समस्या का समाधान करने में अच्छी तकनीक दवाई या ऐसा कोई साधन ईजात करं, जिससे कोरोना संकट का सामना करने और उससे मुक्त होने में मदद मिले। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कही। वे आज सभी शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों की कुलपतियों की वर्चुअल बैठक में अपना संबोधन दे रही थी। उन्होंने विश्वविद्यालय में ऐसे विद्यार्थियों का सर्वे करने का निर्देश दिया जिनके पालकगण का देहांत हुआ हो या वे किसी प्रकार से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हो। उन्होंने कहा कि ऐसे विद्यार्थी की सूचीबद्ध किया जाए और उनके शिक्षा निरंतर जारी रहे, इस दिशा में उनकी मदद करें और यदि शासन या राज्य स्तर पर पहल करने की आवश्यकता हो तो मुझे सूचित करें।राज्यपाल ने कहा कि यह बैठक बड़ी सार्थक थी। कुलपतिगण के द्वारा बहुत अच्छी सुझाव दिए गए। मैंने केंद्र सरकार से सभी विश्वविद्यालय को टीकाकरण केंद्र बनाने को आग्रह किया है ताकि अपने विद्यार्थियों का टीकाकरण कर सकें। अभी वर्तमान में 18 वर्ष से ऊपर के युवा का टीकाकरण किया जा रहा है। विश्वविद्यालय में 18 वर्ष से ऊपर के युवा अध्यनरत रहते है। उनके टीकाकरण से इस कदम के अभियान पर तेजी आएगी।राज्यपाल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय अपने महाविद्यालय के माध्यम से विद्यार्थियों के साथ वर्चुअल बैठक करें, जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों को शामिल करें। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को कोरोना संक्रमण से बचाव और प्रारंभिक लिए जाने वाले आवश्यक दवाईयों तथा अन्य कदमों की जानकारी दे और उन विद्यार्थियों के माध्यम से मोहल्ले एवं आसपास के लोगों को जागरूक करने को कहें। इससे युवा तथा आम जनता भ्रामक जानकारी से बचेंगे और सही समय पर कोरोना संक्रमण का परीक्षण कराकर इलाज करा पाएंगे। उन्होंने कहा कि अधिकतम विश्वविद्यालय ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित है। मेरा सुझाव है वे सामुदायिक रेडियों तथा पोस्टर इत्यादि के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक करें। इस समय में गांव में कोरोना का प्रचार हो रहा है जो भयावह स्थिति है। ग्रामीणों को जागरूक करने से गांव में संक्रमण रोकने से मदद मिलेगी। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति श्री पाटिल द्वारा प्रदेश में वायरोलॉजिकल इंस्टीट्यूट स्थापित करने के सुझाव की सराहना करते हुए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा कोविड सेंटर बनाने की पहल की भी सराहना करते हुए अन्य विश्वविद्यालयों को ऐसा कदम उठाए जाने का सुझाव दिया। बैठक में पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति श्री बलदेव शर्मा ने छत्तीसगढ़ी भाषा में स्लोगन और पोस्टर बनाकर सामुदायिक रेडियों में आम लोगों को जागरूक करने की जानकारी दी। बैठक में सभी कुलपतियों ने उनके द्वारा कोरोना से बचाव से सबधित सुझाव और शैक्षणिक गतिविधियां की जानकारी दी गई। राज्यपाल के सचिव श्री अमृत खलकों ने कहा कि निजी विश्वविद्यालय अपने सीएसआर गतिविधियों के माध्यम से मदद करें और कोरोना संकट के माध्यम से लोगों आम जनता की सेवा करें। उन्होंने कहा कि वे अधिक से अधिक रिसर्च करें, यदि विश्वविद्यालय कोरोना के संबंध में कोई अच्छी शोध करते है तो राजभवन को इनकी जानकारी प्रदान करें। इस बैठक में सभी शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालय के कुलपतिगण उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि यह बैठक कोरोना संक्रमण से बचाव एवं जागरूकता विषय पर आधारित थी।