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कोरोना संकटकाल में डैनेक्स ने रचा इतिहास : दंतेवाड़ा की महिलाओं के हुनर का कमाल: 1 करोड़ 26 लाख रूपए का बेचा माल

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रायपुर 4 मई, 2021

 अच्छी क्वालिटी अपनी ब्रांड वैल्यू और विश्वसनीयता की बदौलत दंतेवाड़ा की कंपनी डेनिक्स एक सफलतम कंपनी के तौर पर स्थापित हो चुकी है।  ब्रांड डैनेक्स ने बंगलोर की एक कंपनी को 1 करोड़ 20 लाख का माल बेचा है इसके अलावा ट्राइफेड को 6 लाख रूपए का माल रवाना किया गया है। यहां पूरी मेहनत और लगन से  काम कर रही महिलाएं इस सफलता से काफी खुश है उन्हे उम्मीद है की उनका जिला जल्द ही गरीबी से मुक्त हो जायगा। 
     बंगलौर की कंपनी को डेनेक्स द्वारा निर्मित कपड़ो को सोमवार को जिले से रवाना किया गया है। बैंगलुरू की एक कम्पनी के द्वारा डेनेक्स निर्मित कपड़ों को देश के लीडिंग फैशन ब्रांड्स में भेजा जाएगा जहां से ऑनलाईन माध्यमों से देशभर के ग्राहक इसकी खरीदी कर सकते हैं। डेनेक्स के शुभारंभ में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भी डेनेक्स की तारीफ करते हुए कहा था कि जल्द जी इसका नाम देश विदेश में भी चमकेगा। उनके हौसला अफजाई और जिले के कलेक्टर श्री दीपक सोनी के मार्गदर्शन में आदिवासी बाहुल्य एवं नक्सल प्रभावित जिले की महिलाओं को ये सुनहरा अवसर मिला है। कोविड-19 गाइड लाईन्स का पालन करते हुए सभी महिलाएं निरन्तर काम कर रही हैं और अपने हुनर का लोहा भी मनवा रही हैं, तभी तो शुभारंभ के इतनी जल्दी बैंगलुरू जैसे बड़े शहर की एक कंपनी ने पूरे 1 करोड़ 20 लाख रूपए का माल खरीदा है। इस माल के बदले वर्तमान में उन्हें 10 लाख 63 हजार रुपए का चेक प्रदाय किया गया है। पहली खेप जाने के बाद उनके आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी हुई है और वे सभी और भी लगन से काम करने के लिए जुट गई हैं। इस अवसर पर प्रसन्नता  व्यक्त करते हुए डेनेक्स की कर्मवीर महिलाओं का कहना है कि अब वो दिन दूर नहीं जब हमारा दंतेवाड़ा जिला भी गरीबी मुक्त हो जाएगा।
    उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 31 जनवरी 2021 को गीदम विकासखंड के ग्राम हारम में बिहान महिला समूहों द्वारा संचालित डेनेक्स नवा दन्तेवाड़ा गारमेन्ट फैक्ट्री का उद्घाटन किया और अवलोकन के दौरान वहां काम कर रही महिलाओं और बालिकाओं से बातचीत कर उनका उत्साहवर्धन तथा फैक्टीª में तैयार किए जा रहे वस्त्रों की गुणवत्ता की सराहना किया था। दंतेवाड़ा जिले में गरीबी, उन्मूलन के लिए जिला प्रशासन की पहल पर स्थानीय महिलाओं को प्रशिक्षण देकर इस गारमेंट फैक्ट्री शुरू की गई है। इस अत्याधुनिक फैक्ट्री में महिलाओं को नियमित रूप से रोजगार उपलब्ध कराने के मद्देनजर यहां के उत्पादों के बिक्री के लिए ट्राईफेड, सीआरपीएफ, एनएमडीसी के साथ एमओयू (अनुबंध) किया गया है। इस प्रोजेक्ट हेतु 1.92 करोड़ रू. की टेक्सटाईल यूनिट 5 एकड़ की भूमि पर लगाई गई है।