महासमुंद 23 दिसम्बर 2020
महासमुंद जिले के बसना ब्लाॅक के श्री भागीरथी ने अपनी पारम्परिक खेती को छोड़ खेत में सब्जी उप्पादन कर इलाकें में अपनी अलग छाप बनाई हैं। पहले वो अपने 05 एकड़ खेत में सिर्फ एक फसली धान की पैदावार लेते थे। जो बदलते दौर में आर्थिक रूप से कम थी। लेकिन उन्होंने अब विभिन्न प्रकार की साग भाजी के साथ-साथ सब्जियों की पैदावार करने लगे है। उनकी आगे बढ़नें की दृढ़ ईच्छा शक्ति, मेहनत और लगन से उनकी आर्थिक स्थिति में पहले से बेहतर ईजाफा हुआ है। उन्होंने दूरभाष पर कहा कि बदलते वर्तमान दौर में स्वयं को हर बात से अपडेट रखें और खेती किसानीं की नई-नई तकनीक और जानकारी लेते रहें। यह कामयाबाी का गुरू मंत्र है। बसना विकासखण्ड के ग्राम उमरिया के प्रगतिशील किसान श्री भागीरथी पटेल का कहना है कि उनके पास लगभग 05 एकड़ सिंचित कृषि योग्य भूमि है। पहले वे परम्परागत तरीके से धान की खेती करते थे। जिससे वे बड़ी मुश्किल से लगभग 02 लाख रूपए का धान बेचा करते थे। धान की खेती में लागत एवं पानी अधिक लगने से भी उन्हें अच्छी आमदनी नहीं मिल पा रहा था।
उन्होंने बताया कि उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने उन्हें उद्यानिकी कृषि करने के लिए प्रेरित किया तथा उद्यानिकी अधिकारियों ने उद्यानिकी खेती के आधुनिक गुर सिखाएं। जिससे वे अब उन्नत तरीकें से खेती कर रहे हैं। जिससे उन्हें प्रतिवर्ष 08 से 09 लाख रूपए की आमदनी प्र्राप्त हो रही है। वे अपने खेत में डी.एम.एफ. विकास बाड़ी योजना के तहत् ड्रीप सिंचाईं करने के लिए स्प्रिंक्लर एवं शेड नेट हाउस अनुदान के तहत लगाए हुए हैं। ड्रीप सिंचाईं से पानी की बचत भी हो रही है और फसल की पैदावार भी अच्छी होती है। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी विभाग द्वारा ग्राफ्टेड टमाटर प्रदर्शन के रूप में भी लगाए हैं। जिसका उत्पादन सामान्य फसल से डेढ़ गुना हो रहा है। उन्होंने बताया कि उद्यानिकी फसल लेने से मेरी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आई है। उद्यानिकी फसल के आमदनी से नए ट्रेक्टर खरीदा है। आमदनी बढ़ने से बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ा रहा हॅू। उन्होंने बताया कि वर्तमान में अपने खेत में टमाटर, बरबट्टी, बैंगन जैसे अन्य फसल लिए हुए हैं। मेरे द्वारा लिए गए उद्यानिकी फसलों को देखने के लिए अन्य गाॅवों के किसान लोग पहुंचते हैं। फसल के उत्पादन को देखकर वे काफी प्रभावित होकर नए तकनीकी से खेतीं करने के लिए प्रेरित हो रहे है।