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औरंगजेब को लेकर सियासत, प्रभारी मंत्री पद को लेकर लड़ाई, विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर

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फिल्म छावा के रिलीज होने के बाद पूरे देश में औरंगजेब का नाम मिटाने की जंग छिड़ गई है। कोई लुटियन जोन में औरंगजेब रोड का नाम मिटा रहा है तो कोई उसकी कब्र को गिराने की मांग कर रहा है। अब इस बीच औरंगजेब को लेकर सियासत भी पीछे नहीं है। शिवसेना विधायक महेंद्र थोरवे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सांसद सुनील तटकरे को मुगल बादशाह औरंगजेब बताते हुए महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन में दोनों दलों के बीच रायगढ़ के प्रभारी मंत्री पद को लेकर बढ़ती दरार की ओर इशारा किया। रायगढ़ के विधायक थोरवे ने बुधवार को अलीबाग में एक कार्यक्रम में कहा कि तीसरे अंपायर (मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर इशारा करते हुए) ने रायगढ़ के प्रभारी मंत्री पद के फैसले पर रोक लगा दी, क्योंकि यह गलत था। रायगढ़ के प्रभारी मंत्री पद की दौड़ में एनसीपी और शिवसेना दोनों ही शामिल हैं। फडणवीस ने महिला एवं बाल विकास मंत्री और एनसीपी नेता अदिति तटकरे को जिले का प्रभारी मंत्री नियुक्त किया था। हालांकि, रायगढ़ के महाड का प्रतिनिधित्व करने वाले रोजगार गारंटी मंत्री भरत गोगावले भी जिले के प्रभारी मंत्री बनने की ख्वाहिश रखते थे। शिवसेना की नाराजगी के बाद फडणवीस ने फैसला टाल दिया।

‘सुतारवाड़ी में रहता है औरंगजेब’

महेंद्र थोरवे ने कहा कि सुनील तटकरे को केंद्र में जगह मिल सकती है क्योंकि आपके साथियों ने आपको कप्तान बनाया था। यह जानना जरूरी है कि फिल्म छावा में औरंगजेब का स्थान अकलुज दिखाया गया है। जबकि आज का औरंगजेब सुतारवाड़ी में रहता है। थोरवे ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि तटकरे सुतारवाड़ी की रहने वाली हैं। थोरवे ने आगे कहा कि अगर तटकरे शिवसेना के साथ गलत राजनीति करती हैं तो शिवसेना अगली बार रायगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ सकती है। उन्होंने कहा कि हम यह भी दिखा सकते हैं कि आप हमारे विधायकों के समर्थन के कारण ही रायगढ़ के सांसद बने हैं, अन्यथा आप ग्राम पंचायत सदस्य भी नहीं बन सकते थे।