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धान की कटाई के साथ शुरू हुआ पैरादान,ग्रामीण अपने गौठानो के लिए दे रहे है योगदान

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कोई 20 किं्वटल,कोई 2 ट्रेक्टर तो कोई 10 किं्वटल पैरों का कर रहा है दान

    कवर्धा, 27 नवम्बर 2020

सुराजी गांव योजना अंतर्गत शासन के महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी से ग्रामीणांे का जुड़ाव देखने को मिल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए गए गौठानों में पशुधन के लिए चारा उपलब्ध कराने बहुत से ग्रामीण स्वयं से आगे आकर बड़ी मात्रा में पैरादान कर रहें है। पैरादान का यह सिलसिला धान कटाई के बाद से ही जिले में लगातार जारी है।
    कवर्धाविकासखण्ड क्षेत्र के ग्राम पंचायत अमलीडीह, खपरी, बोड़ला के ग्राम राजानवागांव, बद्दो एवं  नवागांव जैसे बहुत से गांव के ग्रामीण स्वयं से आगे आकर पैरादान कर रहें है।इस संबंध में प्राप्त जानकारी अनुसार बोड़ला के नवागांव के ग्रामीण अशोक कुमार पिता तिलक राम साहू ने 20 क्विंटल, श्री अंजोर दास, सुखराम दास ने 10 क्विंटल, अंताराम साहू 10 ने क्विंटल, श्री गौतम, श्री गैतराम, श्री सम्बल सिंह, श्री लखनु, श्री लखन एवं श्री तिजऊराम ने पांच-पांच क्विंटल दान करते हुए कुल 65 क्विंटलपैरा गौठान को दिया है।
    उप संचालक कृषि द्वारा बताया गया कि ग्राम बद्दो से श्री संतोष द्वारा दो ट्रेक्टर एवं अन्य ग्रामीणों द्वारा आधा-आधार ट्रेक्टर पैरादान किया है। इसी तरह राजानवांगांव में गौवंश के लिए श्री जलेश्वर, रज्जू एवं फागू राम द्वारा भी पांच-पांचक्विंटल पैरादान किया गया है। श्री सवंल राम साहू निवासी ग्राम रौचन ने अपने पंचायत सचिव को स्वयं से मिलकर कहा की मेरे 6 एकड़ खेत का पैरा अपने गौवंश के लिए गौठान को देना चाहता हु लगभग 5 से 6 ट्रैक्टर पैरा है जो गौमाता के लिए चारे की व्यवस्था में मेरा भी योगदान होगा।

गौठान से जुड़े आजीविका संवर्धन और गोधन न्याय योजना में मिल रहे लाभ से प्रेरित हो रहे ग्रामीण-सीईओ श्री दयाराम

    पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ कृषि विभाग एवं अन्य विभागों के मैदानी अमलों द्वारा गौठान निर्माण और उससे जुड़े आजीविका के साधनों से ग्रामीणों को जोड़ा गया है। गोधन न्याय योजना में गोबर बेचकर ग्रामीण सीधे लाभ ले रहे है। यहीं कारण है कि ग्रामीणों को नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना से लाभ मिलने के कारण ग्रामीण स्वयं आगे आकर गौठानों के लिए पैरादान कर रहें है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम के. ने बताया की सुराजी गांव योजना के तहत गौठान विकास से जुड़े अनेक कार्य हुए है। प्रथम एवं दूसरे चरण में कुल मिलाकर 224 गौठानों का निर्माण किया गया है। जिसमें गौवंश के लिए सारी मूलभूत सुविधाएं जैसे छाया, पानी, चारा एवं चिकित्सा आदि की सुविधा उपलब्ध है। गौवंश को साल भर चारा उपलब्ध हो इसके उद्देश्य से ग्रामीणों द्वारा स्वंय पैरादान किया जा रहा है जो कि एक सराहनीय कार्य है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा गत् दिवस ग्रामीणों से पैरादान करने का आहव्हान किया गया था। जिसके क्रम में कबीरधाम जिले के रहवासी अपने क्षेत्र के गौठान के लिए पैरादान कर रहें है। ग्रामीणों से यह अपील भी की जाती है की वे बढ़ चढ़कर पैरादान करें जिससे कि गौठान में आने वाले गौवंश के लिए चारा सुगमता से उपलब्ध हो सकें।

बेलर मशीन से हुआ 1188 रोल का 297 किं्वटल पैरा दान

    बेलर मशीन के द्वारा पैरा एकत्रिकरण का कार्य भी हो रहा है। जिले के ग्राम अमलीडीह और खपरी में 21 एकड़ के क्षेत्र से बेलर मशीन के द्वारा पैरादान प्राप्त हुआ। जिसमें 1188 बेल कि संख्या तैयार हुई है जो प्रत्येक बेल में 25 किलो पैरा का रोल बना हुआ है। इस तरह 297 क्वींटल पैरा बेलर मशीन के द्वारा रोल बनाकर गौठानों में रखा गया है तथा ग्रामीण क्षेत्रो में यह कार्य निरंतर प्रगतिरत है। उल्लेखनीय है कि अमलीडीह गांव के कुछ ग्रामीणों ने 100 बेल एवं तो किसी ने 150-200 बेल के द्वारा  पैरादान दिया है।