छत्तीसगढ़ में शहीद वीरनारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना में जल्द ही इलाज की लिमिट दोगुनी हो सकती है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग तैयारी में जुट गया है। इस स्कीम में फिलहाल गरीब परिवारों को 5 लाख रुपए तक सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिल रही है, जिसे बढ़ाकर 10 लाख रुपए किया जाएगा। वहीं, मिडिल क्लास के प्रति परिवारों को 50 हजार रुपए इलाज कराने की सुविधा है, जिसे बढ़ाकर 1 लाख रुपए किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री की ओर से आयुष्मान नोडल एजेंसी को प्रस्ताव बनाने के लिए कहा गया है। इसमें परिवारों का आंकलन करना है।
वहीं, अभी कितने परिवार इसके दायरे में आ रहे हैं। इस सबकी भी डिटेल रिपोर्ट बनाना है। अब तक इस स्कीम में प्रदेश में 2 करोड़ 23 लाख से ज्यादा ई-कार्ड बन चुके हैं। वहीं 35 लाख 30 हजार से ज्यादा लोग इलाज करवा चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने भास्कर को बताया कि हमारा फोकस कैशलेस इलाज की व्यवस्था को सब तक पहुंचाने का है।
गौरतलब है कि भाजपा ने 2023 में अपने चुनावी घोषणापत्र में आयुष्मान भारत स्कीम में गरीब परिवारों के लिए इलाज की लिमिट को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख तक यानी दोगुना करने का वादा भी किया था। मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए भी लिमिट दोगुनी हो जाएगी। प्रदेश में अभी 56 लाख से अधिक परिवार अभी इस योजना में प्रति परिवार 5 लाख रुपए तक के कैशलेस इलाज के दायरे में आते हैं।
वहीं, जबकि प्रदेश में एपीएल कार्डधारी परिवारों की तादाद 8.82 लाख से भी ज्यादा है। माना जा रहा है कि इस नई व्यवस्था से 8.82 लाख मध्यवर्गीय परिवारों को 1 लाख रुपए तक के फ्री इलाज का सीधा फायदा मिलेगा। स्वास्थ्य मंत्री विभागीय बैठकों में लगातार ये भी कह रहे हैं कि राज्य सरकार इस योजना की जद में सभी परिवारों को लाना चाहती है। इस हेल्थ स्कीम की शुरुआत में 550 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया था।जो कि साल दर साल लगातार बढ़ रहा है।
जटिल बीमारियों की भी राशि बढ़ा सकती है राज्य सरकार
प्रदेश में ऐसी जटिल बीमारियां, जिनके इलाज का खर्च फिलहाल 5 लाख रुपए से अधिक होता है। उन बीमारियों के मरीजों को मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता स्कीम में भी राहत दी जाती है। इसमें फिलहाल 25 लाख रुपए तक की सहायता दी जा रही है। जानकारों के मुताबिक जरूरत पड़ने पर इसकी लिमिट भी बढ़ाई जा सकती है। आयुष्मान योजना में इलाज के लिए 1211 से अधिक अस्पताल रजिस्टर्ड हैं, जिनमें 835 सरकारी व 376 से ज्यादा निजी अस्पताल हैं। इनमें फ्री इलाज की सुविधा है।