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मोबाइल बेस्ड एप्लीकेशन ’सुगम’ का वाणिज्य मंत्री ने किया लोकार्पण वाणिज्य कर मंत्री ओ पी चौधरी

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रायपुर : वाणिज्यिक कर एवं वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने आज मोबाईल बेस्ड एप्लीकेशन सुगम का लोकार्पण किया। इस एप्लीकेशन में कोई भी व्यक्ति अपनी रजिस्ट्रीकृत दस्तावेज के संपत्ति स्थल पर जाकर स्थल का 03 साईड से फोटो तथा अक्षांश एवं देशांतर भौगोलिक स्थिति को रजिस्ट्री सॉफ्टवेयर में प्रविष्ट कर सकेगा। इससे संपत्ति संबंधी धोखाधड़ी एवं कर अपवंचन को रोकने में सार्थक मदद मिलेगी।
साथ ही श्री चौधरी ने पंजीयन विभाग के कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा बैठक मंत्रालय महानदी भवन, अटल नगर नवा रायपुर में आयोजित किया गया था। मंत्री श्री चौधरी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि पंजीयन विभाग जनता से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ विभाग है। ऐसा कार्य संस्कृति बनाए कि जनता को किसी प्रकार का कोई असुविधा न हो। पंजीयन के इच्छुक पक्षकारों को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े। पंजीयन विभाग में बिचौलियों के प्रवेश को रोकें तथा जनता बिना बिचौलियों के किसी भी दस्तावेज की रजिस्ट्री करा सके, यह सुनिश्चित करें। समीक्षा के दौरान स्टाम्प प्रकरण तथा पंजीयन में अनावश्यक विलंब के तथ्य प्रकाश में आने पर उन्होंने संबंधित जिला पंजीयक एवं उप पंजीयक को समयबद्ध निराकरण के निर्देश दिये।
मंत्री श्री चौधरी ने उपस्थित अधिकारियों को कहा कि लोक सेवक के रूप में उन्हें जनता की सेवा का मौका मिला है। देश अभी विकासशील से विकसित अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हो रहा है तथा इस यात्रा में अधिकारी और कर्मचारी का योगदान महत्वपूर्ण होता है। अतः सभी अधिकारी और कर्मचारी सकारात्मक सोंच के साथ काम करें, ईमानदारी बरतें तथा पारदर्शिता दिखायें, जिससे वे विकसित भारत के निर्माण के भागीदार बन सकें।
मंत्री श्री चौधरी ने समीक्षा के दौरान राजस्व प्राप्तियों, दस्तावेजों, आर.आर.सी. प्रकरण, स्टाम्प प्रकरण आदि के तुलनात्मक आंकड़ों की गहन समीक्षा की। इस दौरान विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पुराने दस्तावेजों के स्कैनिंग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है तथा कुछ ही दिनों में पंजीयन विभाग के सर्च एवं नकल मॉड्यूल को पूरी तरह से ऑनलाईन कर दिया जायेगा। इससे कोई भी व्यक्ति ऑफिस में आए बिना निर्धारित शुल्क ऑनलाईन जमा कर पूराने दस्तावेजों की सर्च कर सकेगा तथा नकल ऑनलाईन डाउनलोड कर सकेगा।
अधिकारियों ने समीक्षा के दौरान बताया कि पंजीयन विभाग के कार्यों को कैशलेस, पेपर लेस एवं फेस लेस बनाने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। पंजीयन शुल्क भुगतान के लिए नेट बैंकिंग तथा पी.ओ.एस. से भुगतान चालू कर दिया गया है। मॉडल डीड जनरेशन का काम सॉफ्टवेयर के माध्यम से तेजी से जारी है। इससे कोई भी व्यक्ति वांछित इनपुट भरकर मॉडल रजिस्ट्री के कागजात स्वतः तैयार कर सकता है, जिससे रजिस्ट्री प्रक्रिया को पेपर लेस किया जा सकेगा। पेन कार्ड का इंटीग्रेशन किया जा चुका है। इसके अगले चरण में आधार के इंटिग्रेशन का कार्य भी जारी है। आधार इंटीग्रेशन होने के बाद गवाहों के रजिस्ट्री ऑफिस में आने की प्रथा समाप्त हो जायेगी एवं छद्म एवं फर्जी व्यक्ति के द्वारा रजिस्ट्री जैसी घटनाओं को रोका जा सकेगा। विभाग का लक्ष्य है कि अगले 01 महीने में फेस लेस के प्रथम चरण में हाउसिंग बोर्ड, आर.डी.ए. तथा कॉलोनाइजर्स को यह सुविधा प्राप्त हो जाये। इसके लिए ट्रायल जल्दी ही पूरा कर लिया जायेगा। इससे पक्षकारों को रजिस्ट्री ऑफिस में आये बिना रजिस्ट्री कराने की सुविधा प्राप्त होगी।
मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि विभाग से बिचौलियों को पूरी तरह समाप्त करें। उन्होंने निर्देश दिये कि जिला पंजीयक 10 प्रतिशत की निर्धारित सीमा तक सभी बड़े दस्तावेजों को अनिवार्य रूप से निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि पंजीयन अधिकारियों के मदद से कर अपवंचन को किसी भी तरीके से बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
मंत्री श्री चौधरी ने निर्देश दिया कि छत्तीसगढ़ में वैसे भी गाईड लाइन दर अन्य राज्यों की तुलना में कम है। ऐसी स्थिति में जिला पंजीयक और उप पंजीयक सुनिश्चित करेंगे कि गाईड लाईन से कम दर पर बाजार मूल्य निर्धारण किसी भी प्रकार से न करें। 01 महीने के भीतर दर्ज स्टाम्प प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित करेंगे। 01 सप्ताह के भीतर स्टाम्प रिफंड की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। अभियान चलाकर बकाया राजस्व की वसूली करेंगे। सभी बड़े दस्तावेजों का अनिवार्य रूप से स्थल निरीक्षण करेंगे लेकिन स्थल निरीक्षण के लिए कोई दस्तावेज मनमाने समय तक पेंडिंग नहीं रखेंगे।