भारतीय एथलेटिक्स के लिए कई कीर्तिमान बना चुके नीरज चोपड़ा अपने दूसरे ओलंपिक में एक बार फिर अपने भाले से इतिहास रचना चाहेंगे, चूंकि 140 करोड़ भारतीयों को उनसे एक बार फिर पीले तमगे की उम्मीद है। नीरज मंगलवार को किशोर जेना के साथ भालाफेंक क्वालीफिकेशन में उतरेंगे। उनकी अप्रतिम निरंतरता की एक बार फिर परीक्षा होगी क्योंकि पूरे सत्र में वह जांघ के भीतरी हिस्से की मांसपेशी में (एडक्टर) परेशानी से जूझते आए हैं। चोपड़ा अगर स्वर्ण जीतते हैं तो ओलंपिक के इतिहास में खिताब बरकरार रखने वाले पांचवें खिलाड़ी बन जाएंगे। इसके साथ ही ओलंपिक व्यक्तिगत वर्ग में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय भी बनेंगे।
इतिहास रचेंगे नीरज
ओलंपिक की पुरुष भालाफेंक स्पर्धा में अभी तक एरिक लेमिंग (स्वीडन 1908 और 1912), जोन्नी माइरा (फिनलैंड 1920 और 1924), जान जेलेंजी (चेक गणराज्य 1992 और 1996) और आंद्रियास टी (नार्वे 2004 और 2008) की ओलंपिक में भालाफेंक स्पर्धा में खिताब बरकरार रख सके हैं। इस साल चोपड़ा ने सिर्फ तीन स्पर्धाओ में भाग लिया लेकिन उनके बाकी प्रतिस्पर्धी भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।
फिटनेस नहीं है मसला
हालांकि उनके कोच ने फिटनेस को लेकर चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि अब उनके एडक्टर में कोई परेशानी नहीं है और वह कड़ा अभ्यास कर रहे हैं। भारत के किशोर जेना भी दौड़ में हैं जिन्होंने पिछले साल एशियाई खेलों में 87.54 मीटर का थ्रो फेंककर क्वालीफाई किया था लेकिन उसके बाद से 80 मीटर तक भी नहीं पहुंच पाए हैं।