रायपुर : राज्यपाल श्री विश्व भूषण हरिचंदन एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। दीक्षांत समारोह में विभिन्न सत्रों की परीक्षाओं में छात्रों को स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, पात्रोपधि के लिए उपाधि एवं स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। इस मौके पर श्री राम प्रताप सिंह एवं सुश्री सुरभा देश पांडे को विद्या वाचस्पति की मानद उपाधि दी गई। समारोह में कुलाधिपति द्वारा पीएचडी छात्रों को उपाधि प्रदान की गई एवं इस उपाधि के आचार एवं गौरव की रक्षा करने के संदेश दिए गए। अतिथियों ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों को अग्रिम भविष्य के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
राज्यपाल श्री विष्णु भूषण हरिचंदन ने समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि मुझे छठवें दीक्षांत समारोह में शामिल होते हुए बेहद खुशी हो रही है। उन्होंने स्वर्ण पदक एवं उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी और उपाधि प्राप्त करने वाले शोधार्थियों के परिवारजनों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उनके सहयोग त्याग एवं मार्गदर्शन में आपने ये महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।
राज्यपाल श्री हरिचंदन ने कहा कि आपकी महत्वपूर्ण उपलब्धियां आपके कठिन परिश्रम, समर्पण, आपकी शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय 21 मार्च 2005 को स्थापित हुआ। पंडित सुंदरलाल शर्मा ने छत्तीसगढ़ में जन जागरूकता एवं सामाजिक प्रगति लाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह विश्वविद्यालय पंडित सुंदरलाल शर्मा जी के सपनों को गढ़ने एवं साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने उच्च शिक्षण गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विश्वविद्यालय को नैक द्वारा ’ए’ प्लस ग्रेड दिए जाने के लिए भी बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
राज्यपाल श्री हरिचंदन ने कहा कि विकसित भारत, समृद्ध भारत की संकल्पना पर आधारित है। विकसित भारत संकल्पना के जरिए क्षेत्र के सभी नागरिकों को अपनी क्षमता के अनुसार विकास करने के अवसर प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय जनजाति क्षेत्र में रहने वाले अति पिछड़े समुदायों तथा कॉविड-19 से प्रभावित लोगों को शिक्षा का अवसर प्रदान कर अपने सामाजिक सरोकार के उद्देश्य को भी पूरा कर रहा है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए स्वर्ण पदक एवं उपाधि हासिल करने वाले विद्यार्थियों को बधाई और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। श्री साय ने कहा, मुझे प्रसन्नता है कि हमारे छत्तीसगढ़ राज्य का एकमात्र यह मुक्त विश्वविद्यालय अपने अकादमिक और शैक्षणिक गतिविधियों के साथ नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है। दूरस्थ अंचलों में बसे ऐसे शिक्षार्थियों के लिए जो किसी कारणवश उच्च शिक्षा से वंचित रह गए हैं या नौकरी पेशा वर्ग के ऐसे विद्यार्थी जो अपने भावी सपनों को साकार करना चाहते हैं उनके लिए यह विश्वविद्यालय शिक्षा के अवसर प्रदान करने का प्रमुख केंद्र बन गया है।