प्रदेश में प्री- मानसून ने दस्तक के साथ राज्य सरकार ने भी बाढ़ एवं आपदा प्रबंधन का वर्क प्लान बना लिया है। बाढ़ और अापदा की आशंका की जद में प्रदेश के 23 जिलों के 1223 गांव हैं। इनके संवेदनशील होने की वजह 52 नदियों और 43 नालों के तट पर होना है। राजधानी में राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम गांधी चौक में बनाया गया है। यह 24 घंटे खुला रहेगा। इसका फोन नंबर 0771-2223471 है।
उपायुक्त प्रेमलता को इसकी प्रभारी बनाया गया है। जरूरत पड़ने पर सेना की मदद भी ली जा सकेगी। प्रदेश में बाढ़- आपदा को लेकर तैयारी की रिपोर्ट सचिव व राहत आयुक्त अविनाश चंपावत ने दिल्ली में केंद्र सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को पेश की। नई तहसीलों में वर्षा मापक यंत्र लगाए जा रहे हैं। पहले से ही लगे ऐसे यंत्रों की मरम्मत व चेकिंग की जा रही है।
बाढ़ की स्थिति में पहुंचविहीन क्षेत्रों में खाद्य सामग्री, नमक, कैरोसिन, जीवन रक्षक दवाएं आदि पहुंचाई जा रही हैं। पीने के साफ पानी के लिए कुओं और हैंडपंपों में ब्लीचिंग पाउडर डाला जा रहा है। हर साल जहां बाढ़ की आशंका वाले इलाके में लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने, अस्थायी कैंपों, ठहराने व भोजन के इंतजाम किए जा रहे हैं। बाढ़ से बचाव के उपकरणों का संधारण किया जा रहा है। मोटर बोट वाले जिलों की सूची बनाई गई है, ताकि जरूरत पड़ने पर बोट व प्रशिक्षित जवान रवाना किये जा सकें।