बलौदाबाजार कलेक्टोरेट में अंग्रेजों के जमाने का 100 से 120 साल पुराना राजस्व का रिकार्ड भी उपद्रव की आग में जलकर खाक हो गया। करीब सौ साल तक बलाैदाबाजार जिले के अंतर्गत आने वाले इलाकों का पूरा रिकार्ड और अन्य फाइलें रायपुर कलेक्टारेट में सुरक्षित थीं।
2011-12 में बलौदाबाजार को अलग जिले का दर्जा मिला। उसी के बाद 10 ट्रकों में यहां से पूरा रिकार्ड एक-एक कर बलौदाबाजार भेजा गया था। अब तक की जांच के अनुसार सोमवार को बलौदाबाजार कलेक्टोरेट में लगाई गई आग में एक भी रिकार्ड सुरक्षित नहीं बचा है।
पुराना रिकार्ड जल जाने से अब राजस्व संबंधित मामलों की जांच में दिक्कत आएगी, क्योंकि अब रायपुर में भी उसका रिकार्ड नहीं है। बलौदाबाजार जिले के राजस्व का 1929 का बंदोबस्त मिशन (नक्शा), 1939-40 तक चकबंदी मिशन (नक्शा) की एक-एक फाइल यहां से भेज दी गयी है। इसके जल जाने से अब वहां जाति प्रमाण पत्र के प्रकरण उलझ जाएंगे।
इसी तरह रजिस्ट्री, राजस्व, फूड, आबकारी, खनिज से संबंधित सारे दस्तावेजों को भी वहीं भेज दिया गया था। इनकी दूसरी कॉपी नहीं है। ऐसे में राजस्व संबंधित प्रकरणों को निपटाने काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा बी-1 में यदि जमीन के मालिक का नाम नहीं चढ़ा होने पर परेशानी होगी। बिना रिकार्ड नाम चढ़ाना संभव ही नहीं है। ऐसे में जमीन के मालिक होने के बाद भी नाम चढ़ाने के लिए भटकना पड़ेगा।