नई दिल्ली । भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने गुरुवार को कहा कि वह नेस्ले के शिशु आहार सेरेलैक के भारत से नमूने एकत्र कर रहा है। हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कंपनी उत्पाद में अधिक चीनी डाल रही है। एफएसएसएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने खाद्य सुदृढ़ीकरण पर एसोचैम के एक कार्यक्रम के मौके पर कहा कि हम देश भर से नेस्ले के सेरेलैक शिशु आहार के नमूने एकत्र कर रहे हैं। प्रक्रिया पूरी होने में 15-20 दिन लगेंगे। एफएसएसएआई स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन एक वैधानिक निकाय है। स्विट्जरलैंड के गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (आईबीएफएएन) ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि नेस्ले ने यूरोप के अपने बाजारों की तुलना में भारत सहित कम विकसित दक्षिण एशियाई देशों, अफ्रीकी तथा लैटिन अमेरिकी देशों में अधिक चीनी वाले शिशु उत्पाद बेचे। रिपोर्ट तैयार करने के लिए विभिन्न देशों में बेचे जाने वाले करीब 150 विभिन्न शिशु उत्पादों का अध्ययन किया गया। रिपोर्ट के अनुसार छह महीने के बच्चों के लिए नेस्ले का गेहूं आधारित उत्पाद सेरेलैक ब्रिटेन तथा जर्मनी में बिना किसी अतिरिक्त चीनी के बेचा जाता है, लेकिन भारत से विश्लेषण किए गए 15 सेरेलैक उत्पादों में एक बार के खाने में औसतन 2.7 ग्राम चीनी थी। हालांकि नेस्ले इंडिया ने कहा कि उसने पिछले पांच वर्षों में भारत में शिशु आहार उत्पादों में चीनी में 30 प्रतिशत तक की कमी की है।