नई दिल्ली। नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (एनएफआरए) ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल से जुड़े फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। अथॉरिटी ने गड़बड़ी के आरोप में दो चार्टर्ड अकाउंटेंट्स पर पांच और दस साल के प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक एनएफआरए ने 12 अप्रैल के अपने एक आदेश में कहा कि ऑडिट फर्म पाठक, एच.डी. एंड एसोसिएट्स पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही इंगेजमेंट पार्टनर (ईपी) सीए परिमल कुमार झा पर एक करोड़ रुपये और इंगेजमेंट क्वालिटी कंट्रोल रिव्यू पार्टनर सीए (ईक्यूसीआर) विशाल डी शाह पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। ईपी को 10 साल और ईक्यूसीआर को पांच साल के लिए बैन कर दिया गया है। इस दौरान ये किसी कंपनी में ऑडिटर या इंटरनल ऑडिटर का काम नहीं कर सकते हैं। साथ ही किसी कंपनी के फाइनेंशियल एक्टिविटी में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। आदेश में कहा गया है कि रिलायंस कैपिटल पर 2019 में बैंकों का करीब 12,000 करोड़ रुपये का लोन था। साथ ही एक्टरनल डेट के रूप में कंपनी पर 32,000 करोड़ रुपये का बकाया था।
बता दे कि आरबीआई ने 29 नवंबर, 2021 को भुगतान में चूक और गवर्नेंस से जुड़ी गंभीर समस्याओं के कारण अनिल अंबारी की कंपनी रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया था और नागेश्वर राव वाई को प्रशासक नियुक्त किया था। रिलायंस कैपिटल में लगभग 20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां हैं। सितंबर, 2021 में रिलायंस कैपिटल ने अपने शेयरहोल्डर्स को बताया था कि कंपनी पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज है।
आरबीआई ने अनिल अंबारी की कंपनी पर आईबीसी के तहत इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग की कार्यवाही शुरू की थी। हिंदूजा ग्रुप ने इसे खरीदने के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई है लेकिन कंपनी को फंड जुटाना मुश्किल हो रहा है। हिंदूजा ग्रुप ने रिलायंस कैपिटल को खरीदने के लिए 9,650 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था जिसे कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने पिछले साल जुलाई में मंजूरी दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स का मुताबिक हिंदूजा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी इंडसइंड इंटरनेशल होल्डिंग्स (आईआईएचएल) इस डील के लिए 8,000 करोड़ रुपये उधार लेने की तैयारी में है।