अहमदाबाद। गुजरात के आदिवासी बहुल इलाकों पर कभी कांग्रेस का दबदबा था, लेकिन धीरे-धीरे उसकी जमीन खिसकती गई और बीजेपी जमती गई। अब लोकसभा चुनाव को लेकर एक बार फिर कांग्रेस ने इसपर नए सिर से ध्यान देने शुरु कर दिया है। इस लोकसभा चुनाव 2024 में गुजरात की आदिवासी बहुल सीटों पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप ) की नजर है। यहां भारतीय जनता पार्टी के ‘किले’ को भेदने के लिए कांग्रेस-आप ने हाथ मिलाया है।
पिलछे माह कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले आदिवासी क्षेत्रों से गुजरी थी। कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनावों में अपनी करारी हार से सबक लिया है जब आदिवासी क्षेत्र में बीजेपी विरोधी वोट ‘आप’, कांग्रेस और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) में विभाजित हो गए थे। इसके मद्देनजर कांग्रेस ने केजरीवाल की पार्टी आप के साथ गुजरात लोकसभा सीट को लेकर समझौता किया। कांग्रेस ने सीट बंटवारे में ‘आप’ को भरूच और भावनगर सीट दी है।. भरूच के गैर-आरक्षित सीट होने के बावजूद, बीजेपी के साथ-साथ ‘इंडिया’ गठबंधन ने आदिवासियों को अपना उम्मीदवार बनाया है। यहां बीजेपी के मौजूदा सांसद मनसुख वसावा का मुकाबला ‘आप’ के डेडियापाड़ा विधायक चैतर वसावा से होगा।