छत्तीसगढ़ में एक अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू हो रही है। इसमें कई अहम बदलाव किए जा रहे हैं। पौव्वा से लेकर बोतल तक की कीमतों में 10 रुपये से लेकर 200 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। प्रदेश में वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए आबकारी विभाग को 11,000 करोड़ रुपये के राजस्व वसूली का लक्ष्य दिया गया है। सार्वजनिक जगहों पर शराब पीने से जुड़े कदाचार के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए प्रदेश में फिर से अहाता पद्धति शुरू की जाएगी, जिसके लिए टेंडर भी जारी किया जा चुका है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल में लगभग सात साल पहले अहाता के लिए तय की गई दरों से वर्तमान दर पांच गुना अधिक है। इसके साथ ही देसी शराब के सिंडीकेट को खत्म करने की दिशा में कदम उठाते हुए पांच से दस नए सप्लायरों से अनुबंध किया गया है। इससे देसी शराब दुकानों में दो की जगह पांच से दस प्रकार के नए ब्रांड भी मिलेंगे।
राज्य के 35 प्रतिशत निवासी शराब के शौकीन
सामाजिक न्याय व आधिकारिता मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में लगभग 35 प्रतिशत से ज्यादा लोग शराब पीते हैं। राज्य सरकार नई आबकारी नीति से शासन के राजस्व में बढ़ोतरी के प्रयास में है।