नई दिल्ली । वाणिज्य मंत्रालय की ओर से 14 दिसंबर को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार भारत की थोक मुद्रास्फीति मार्च 2023 के बाद पहली बार ऋणात्मक स्थिति से बाहर निकल गई और नवंबर में बढ़कर 0.26 प्रतिशत हो गई। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति अक्टूबर 2023 में -0.52 प्रतिशत और नवंबर 2022 में 6.12 प्रतिशत पर थी। थोक मुद्रास्फीति की दर नवंबर महीने में 0.26 प्रतिशत रही जो आठ महीने में सबसे अधिक है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़े सांख्यिकी मंत्रालय के उस बयान के दो दिन बाद आए हैं जिसमें उसने कहा था कि खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में तीन महीने के निचले स्तर 5.55 प्रतिशत पर आ गई है। यह जुलाई के 15 महीने के उच्च स्तर 7.44 प्रतिशत से अब भी 189 आधार अंक कम है। इसी अवधि में थोक मुद्रास्फीति में 149 आधार अंकों की बढ़ोतरी हुई है। एक आधार बिंदु प्रतिशत बिंदु का सौवां हिस्सा है। नवंबर में खाने की वस्तुओं, खनिज, मशीनरी और उपकरण, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑप्टिकल उत्पादों, मोटर वाहनों, अन्य उपकरणों और अन्य विनिर्माण की कीमतों में वृद्धि के कारण मुद्रास्फीति में एक साल पहले की तुलना में 0.26 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है।