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छत्तीसगढ़ में हाथी के गले में घंटी बांधने की योजना नाकाम

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रायपुर। प्रदेश में हाथी-मानव द्वंद्व रोकने के लिए वन विभाग द्वारा आधा दर्जन से अधिक योजनाएं शुरू की गईं, लेकिन इसके बाद भी समस्या का निदान नहीं हुआ। वन विभाग द्वारा जंगली हाथियों पर अंकुश लगाने के लिए उनके गले में घंटी बांधने की योजना लागू की थी। अधिकारी के आदेश पर विभाग ने घंटी खरीदने के लिए एक लाख रुपये के बजट की स्वीकृति कर दी थी।पैसा स्वीकृत होने के बाद विभाग ने कुल 24 घंटिया खरीदी थीं। वन विभाग के कर्मचारियों ने प्रयोग के तौर पर नौ पालतू हाथियों के गले में घंटी पहनाई, लेकिन जंगली हाथियों के गले में घंटी बांधने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। विभाग अब खरीदी गई घंटियों को वापस करने की तैयारी कर रहा है। ज्ञात हो कि प्रदेश के 11 जिले हाथियों के आतंक से बुरी तरह प्रभावित हैं। आए दिन हाथी-मानव को कुचल कर मौत के घाट उतार रहे हैं। सरगुजा संभाग में हाथी-मानव द्वंद्व की सबसे ज्यादा घटनाएं घट रही थीं, जबकि हाथियों के लोकेशन की जानकारी के लिए उनको रेडियो कॉलर लगाया जा रहा है, लेकिन इससे खास सफलता नहीं मिली है, इसलिए विभाग के अधिकारियों ने घंटी पहनाने का निर्णय लिया था। विभाग ने कर्नाटक से लाए गए कुमकी हाथियों के जरिए हाथियों के गले में घंटी बांधने की योजना बनाई, लेकिन वह सफल नहीं हुई। वर्तमान में घंटियां सरगुजा हाथी रिजर्व क्षेत्र के डीएफओ कार्यालय स्थित स्टोर रूम में रखी गई हैं।