नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार रीजनल रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना के लिए फंड आवंटित करने का वादा करने के बाद भी फंड आवंटित नहीं कर रही है। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि दिल्ली सरकार कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं कर रही है? हम आपको विज्ञापन के बजट पर रोक लगा देंगे और इसे आरआरटीएस परियोजना के लिए डायवर्ट कर देंगे।
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धुलिया ने माना कि दिल्ली सरकार अपने ही वादे का उल्लंघन कर रही है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार के स्टैंड पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने दिल्ली सरकार के विज्ञापन के खर्च को परियोजना के लिए ट्रांसफर करने का आदेश दिया। हालांकि कोर्ट ने कहा कि उनका यह आदेश एक हफ्ते तक लंबित रहेगा और अगर इस दौरान सरकार ने बजट आवंटित नहीं किया तो उनका यह आदेश लागू हो जाएगा। पीठ ने कहा अप्रैल में दिल्ली सरकार ने रकम (415 करोड़) देने की बात कही थी। पीठ ने गौर किया कि आरआरटीएस परियोजना से दिल्ली में प्रदूषण भी कम होगा। पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार के बजट आवंटन में बीते तीन वर्षों में करीब 1100 करोड़ रुपये विज्ञापन के लिए आवंटित किए गए हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष में भी यह आवंटन 550 करोड़ रुपये है। पीठ ने कहा कि बजटीय आवंटन ऐसी चीज है जिसे सरकार को पूरा करना चाहिए। लेकिन अगर राष्ट्रीय परियोजनाएं प्रभावित होंगी और उसकी बजाय विज्ञापन पर खर्च की जाएंगी तो हमें विज्ञापन के फंड को प्रोजेक्ट के लिए ट्रांसफर करना होगा।
एनसीआरटीसी ने दायर की दिल्ली सरकार के खिलाफ याचिका
दिल्ली सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुईं वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने एक हफ्ते का समय मांगा। इसके बाद कोर्ट ने मामले को एक हफ्ते बाद के लिए सूचीबद्ध कर दिया और कहा कि अगर फंड आवंटित नहीं किया गया तो उनका आदेश लागू हो जाएगा। बता दें कि नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉपरेशन (एनसीआरटीसी) ने दिल्ली सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें दिल्ली सरकार पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली सरकार की खिंचाई की।