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महादेव एप के बहाने असम के सीएम विस्वा ने सीएम भूपेश पर साधा निशाना

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रायपुर। राजनीति में जब आरोप लगते हैं तो चौतरफा घेराबंदी भी शुरु हो जाती है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर महादेव एप को लेकर आरोप लगे हैं। उन पर चौरफा हमले भी शुरु हो गए है। असम के मुख्यमंत्री हेमंत विस्वा सरमा ने महादेव एप के जरिए सीएम बघेल पर जमकर निशाना साधा है,उन्होंने यहां तक कहा कि मां कामाख्या देवी उन्हे कभी माफ नहीं करेगी। मंगलवार को छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग होनी है। इसके लिए सारी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। चुनाव प्रचार थमसे से एक दिन पहले यानी रविवार को भारतीय जनता पार्टी कई दिग्गज नेता छत्तीसगढ़ में मौजूद रहे। इस दौरान असम के मुख्यमंत्री हेमंत विस्वा सरमा ने एक जनसभा को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हमला बोला है।
सीएम सरमा ने अपने संबोधन में कहा कि मां कामाख्या आज रो रही हैं कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने महादेव के नाम पर घोटाला किया।सीएम सरमा ने कहा, कांग्रेस ने महादेव के नाम पर भ्रष्टाचार करके मां कामाख्या को बहुत क्रोधित किया है। मां ऐसे लोगों को माफ नहीं करेगी। कोई पैसे लूटने के लिए महादेव के नाम का इस्तेमाल कैसे कर सकता है। उन्होंने कहा कि कोई सोच भी कैसे सकता है कि महादेव के नाम पर कोई पैसे लूटेगा। मां कामाख्या देवी, मां पार्वती का स्वरूप हैं। मैं पार्वती महादेव की पत्नी हैं। इस खबर के सामने आने के बाद से मां कामाख्या दुखी हैं।उन्होंने छत्तीसगढ़ के सीएम पर हमला बोलते हुए आगे कहा कि महादेव के नाम पर बघेल ने पैसा लूटने का काम किया है। कोई ये सोच भी नहीं सकता कि महादेव के नाम पर ऐप बनाकर कोई भ्रष्टाचार करेगा।
इसके बाद भूपेश बघेल ने भाजपा पर पलटवार करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, आख़िरकार केंद्र सरकार को होश आया और उसने ‘महादेव ऐप’ पर बैन लगाने का फ़ैसला किया। मैं कई महीनों से सवाल पूछ रहा हूं कि सट्टा खिलाने वाले इस ऐप पर केंद्र सरकार बंद क्यों नहीं रही है। मैंने तो यहां तक कहा था कि शायद 28 प्रतिशत जीएसटी के लालच में प्रतिबंध नहीं लग रहा है या फिर भाजपा का ऐप संचालकों से लेन-देन हो गया है। उन्होंने आगे कहा, आश्चर्य है कि ईडी महीनों से इस मामले की जांच कर रही है और फिर भी ऐप का संचालन लगातार होता रहा। अब केंद्र सरकार को होश आ ही गया है तो अच्छा है कि इस ऐप के संचालकों को भी दुबई से यथाशीघ्र गिरफ़्तार कर भारत लाया जाए. छत्तीसगढ़ पुलिस ने ही सबसे पहले उनके ख़िलाफ़ लुक-आउट नोटिस जारी किया था।