Home व्यापार भारत में सेमीकंडक्टर चिप्स बनाएगा क्वालकॉम

भारत में सेमीकंडक्टर चिप्स बनाएगा क्वालकॉम

8
0

नई दिल्ली । देश में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद क्वालकॉम भारत में सेमीकंडक्टर चिप्स बनाने की योजना बना रही है। वे अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करेंगे और बड़े पैमाने पर एडवांस चिप्स का उत्पादन करने के लिए स्थानीय भागीदारों के साथ टीम बनाएंगे। भारत के लिए क्वालकॉम की योजना में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद निवेश करना शामिल है। वर्तमान में वे चिप्स डिज़ाइन करते हैं और उन्हें विश्व स्तर पर पार्टनर प्लांट द्वारा मैन्युफैक्चर करते हैं। इन पार्टनर प्लांट में से एक ताइवान का टीएसएमसी है। मैन्युफैक्चर करने के बाद वे इन चिप्स को मोबाइल डिवाइस मेकर और कार मैन्युफैक्चरर को बेच देते हैं। क्वालकॉम इंडिया के के एक व‎रिष्ठ अ‎धिकारी ने एक साक्षात्कार में कहा ‎कि एक बार जब भारत के पास अपने स्वयं के फैब प्लांट और ओएसएटी सु‎विधा होंगी, तो क्वालकॉम लोकल लेवल पर निवेश और मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस में योगदान देगा। भारत में क्वालकॉम दो प्रमुख कारणों से खुद को एक खास प्लेयर के रूप में देखता है। सबसे पहले बड़े पैमाने पर चिप बेचना उन्हें ईकोसिस्टम में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनाता है। दूसरा, टेक्नॉलजी के संदर्भ में, वे अत्याधुनिक सॉल्यूशन प्रदान कर सकते हैं, एक साथ दो अग्रणी नोड्स की पेशकश कर सकते हैं, और अपने पार्टनरों के लिए टेक्नॉलजी प्रदाता के रूप में काम कर सकते हैं।
हालांकि, ऐसा करने के लिए सरकार के सपोर्ट की भी जरूरत होगी। हमें अपने प्रोडक्ट की ज्यादा मांग पैदा करने के लिए भारत में सरकार से मदद की ज़रूरत है। इसलिए, हमें ज्यादा लोकल ब्रांडों की ज़रूरत है, जो हमारी चिप्स का उपयोग करेंगे। चीन में यह समस्या नहीं थी; उनके पास बहुत सारे उपभोक्ता ब्रांड थे। उन्होंने कहा ‎कि वह पहले ही 10,000 रुपये से कम कीमत पर पहुंच चुके हैं, और उनकी कोशिश इसे और नीचे लाने का नहीं बल्कि इसे एआई तकनीक के साथ जोड़ने का होगा। हमारे पास पहले से ही 9,999 रुपये में एक फोन है, और इसकी कीमत और भी कम होगी। ओइएम पहले से ही अपने 4जी पोर्टफोलियो से 5जी की ओर बढ़ रहे हैं और हम उनके और फ्लिपकार्ट के साथ-साथ अमेज़ॅन के साथ कीमतों को कम करने के लिए काम कर रहे हैं, ताकि इसे आगे बढ़ाया जा सके। हम जो योजना बना रहे हैं वह बड़े पैमाने पर बाजार में 5जी फोन में यथासंभव हद तक एआई क्षमता लाने की है।