नई दिल्ली । केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में साइबर सुरक्षित भारत का निर्माण गृह मंत्रालय की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। साइबर सुरक्षा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा संबंधी मामलों का एक अनिवार्य पहलू बन गई है और इसी कारण मोदी सरकार साइबर-सुरक्षित देश बनाने के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साइबर-सुरक्षित भारत के विजन के अनुरूप पहल करते हुए, गृह मंत्रालय ने देश में साइबर अपराध से समन्वित तरीके से निपटने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की स्थापना की। I4C का मुख्य काम कानून लागू कराने वाली विभिन्न एजेंसियों और हितधारकों के बीच तालमेल में सुधार सहित नागरिकों के लिए साइबर अपराध से संबंधित मुद्दों से निपटना है।
अपनी स्थापना के बाद से ही I4C साइबर अपराधों से निपटने के लिए देश की सामूहिक क्षमता को बढ़ाने और कानून लागू कराने वाली एजेंसियों और हितधारकों के बीच प्रभावी समन्वय विकसित करने, साइबर अपराध से निपटने और नागरिक संतोष के स्तर में सुधार करने के लिए भारत की समग्र क्षमता में बदलाव लाने की दिशा में अथक प्रयास कर रहा है। 2019 में नागरिक-केंद्रित पहल के तौर पर राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) लॉन्च किया गया, जो I4C की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में शामिल है।
I4C की एक और पहल, राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930, आम नागरिकों को ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी दर्ज करने में मदद कर रही है। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर अब तक 29 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। NCRP पोर्टल पर प्रतिदिन औसत 5000 से अधिक शिकायतें दर्ज हो रही हैं। हेल्पलाइन 1930 और NCRP ने 30 सितंबर, 2023 तक 765 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को धोखेबाजों के हाथों तक पहुंचने से बचाया है।