असम को बाल विवाह से मुक्त करने के लिए राज्य के 20 जिलों में सोमवार को एक अभियान चलाया गया। अभियान में हजारों की संख्या में पुरुषों और महिलाओं ने बाल विवाह प्रथा को खत्म करने का संकल्प लिया। राज्य में सोमवार से शुरू हुआ यह राष्ट्रव्यापी अभियान ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ का एक हिस्सा है। 2030 तक इस प्रथा को खत्म करने के लिए 300 से अधिक जिलों में महिला कार्यकर्ताओं और 160 नागरिक समाज संगठनों के नेतृत्व में अभियान चलाया जा रहा है।
असम सरकार द्वारा बाल विवाह के खिलाफ इस साल दो चरणों में कार्रवाई शुरू की गई। फरवरी में पहले चरण में 3483 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और दूसरे चरण में अब तक 915 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि इस साल जनवरी में सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बाल विवाह के आरोपितों पर पाक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई का फैसला लिया गया था।